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किसानों के लिए पीएम मोदी की पहल, नई कृषि तकनीक लेकर आया इजरायली दल

locationझांसीPublished: Jul 12, 2018 10:15:17 pm

Submitted by:

BK Gupta

किसानों के लिए पीएम मोदी की पहल, नई कृषि तकनीक लेकर आया इजरायली दल

israel specialist team in bundelkhand for survey

किसानों के लिए पीएम मोदी की पहल, नई कृषि तकनीक लेकर आया इजरायली दल

झांसी। मंडलायुक्त श्रीमती कुमुदलता श्रीवास्तव ने कहा कि भारत सरकार व प्रदेश सरकार बुन्देलखण्ड के किसानों व उनके विकास के लिये कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री की पहल पर इजरायल का एक प्रतिनिधि मण्डल यहां आया। इसमें विषय विशेषज्ञ भी शामिल हैं। ये दल बुन्देलखण्ड क्षेत्र का भ्रमण कर यहां सिंचाई जल का सरंक्षण, जल संवर्द्धन व कृषि के विकास की संभावनाओं को तलाशेगा। इसके लिए जिले का विकासखण्ड बबीना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया है। वह यहां एक होटल में इजरायली दल के साथ आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं।
इजरायल व बुंदेलखंड का क्लाइमेट एक जैसा
मंडलायुक्त ने कहा कि सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड खुशहाल होगा तो देश खुशहाल होगा आपसी सहयोग से पुनः बुन्देलखण्ड अपने गौरवशाली अतीत को प्राप्त कर एक सृमद्धशाली क्षेत्र के रूप में विकासित होगा। इजरायल और भारत विशेष रूप से बुन्देलखण्ड की भौगोलिक स्थिति व क्लाइमेट समान होने से वहां की तकनीक हमारे लिये बेहद कारगार सिद्ध होगी। इजरायल के सहयोग से क्षेत्र के किसान नई तकनीक और नये आईडिया से खेती कर विकास की नई इबारत लिखेंगे।
तालमेल से काम करने की जरूरत
इस कार्यक्रम में इजरायल के प्रतिनिधि येजेचकल लिफ्जहिटज ने कहा कि हमें आपसी तालमेल के साथ काम करने की जरूरत है तभी हम सफल हो पायेंगे। उन्होंने इजरायल के बारे में बताते हुये कहा कि इजरायल में जल को राष्ट्रीय धरोहर माना जाता है और संरक्षण कानून द्वारा किया जाता है। वहां आपके यहां से भी कम वर्षा होती है। गर्मी के मौसम में कोई बारिश नहीं होती है। उन्होंने कहा कि लगातार जल कम होता जा रहा है। जबकि कृषि उत्पादन 500 वर्षों से 12 गुना बढ़ा है। येजेचकल लिफ्जहिटज ने कहा कि हमारे किसानों को पता है कि जल अमूल्य है और यह सीमित संसाधन है। इसका संरक्षण करने के साथ-साथ इसका सबसे प्रभावी और किफायती उपयोग किया जाना चाहिये, यही सिद्धान्त बुन्देलखण्ड के लिये भी कारागार होगा।
दोनों लगभग समान
इजरायली प्रतिनिधि ने कहा कि इजरायल और बुन्देलखण्ड लगभग समान है। हमारे यहां भी मौसम की कठिन परिस्थितियों और जल की गंभीर कमी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद यहां कृषि में सकारात्मक नतीजे देखने को मिले हैं। यह सफलता खेती में सृजनात्मकता व उद्यमिता की भावना के कारण और कृषि व कृषि टेक्नोलॉजी उद्योगों के बीच तालमेल के कारण मिली है। यहां भी यदि इस भावना से कार्य किया जाये तो लाभ होगा।
सीडीओ ने ये कहा-
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी निखिल फुण्डे ने क्षेत्र की जानकारी देते हुये कहा कि हम सभी को ज्ञात है कि इजरायल की अर्थ व्यवस्था कृषि क्षेत्र से ही मजबूत है। आपके यहां एक-एक बूंद का संरक्षण और पानी के इस्तेमाल का बेहतर मैनेजमेण्ट है। यहां भी जल संरक्षण व उपयोग पर यदि फोकस करें तो सुखदायी परिणाम आयेंगे। कार्यशाला में अजय सोनी ने नाबार्ड के माध्यम से हो रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने जल संरक्षण व जल संवर्धन के लिये संचालित योजनायें व फंडिंग के बारे में बताया। वहीं परमार्थ संस्था से संजय सिंह ने बुन्देलखण्ड में पानी पंचायत के माध्यम से जनसुरक्षा व जल संकट को दूर करने तथा जल सहेलियों द्वारा अपने गांव को पानीदार बनाने के लिये बहुआयामी प्रयास की जानकारी दी तथा कम पानी में तैयार होने वाली फसल लगाने का सुझाव दिया।
किसानों का जीवन खुशहाल बनेगा
इस मौके पर जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों का जीवन खुशहाल बनेगा। उन्होंने कहा कि इजरायल से पार्टनरशिप टेक्नोलॉजी के माध्यम से यहां विकास जल्द होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि मण्डल क्षेत्र का भ्रमण कर सभी जानकारियों को आत्मसात करते हुये रिपोर्ट प्रदेश सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगा।

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