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स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल: दलहन, तिलहन और अदरक के बाद अब स्ट्राबेरी बनेगी बुंदेलखंड की नई पहचान

locationझांसीPublished: Jan 17, 2021 03:40:59 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Jhansi Strawberry Festival – दूर होगी किसानों की बदहाली, सीएम योगी ने किया वर्चुअली उद्घाटन

स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल: दलहन, तिलहन और अदरक के बाद अब स्ट्राबेरी बनेगी बुंदेलखंड की नई पहचान

स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल: दलहन, तिलहन और अदरक के बाद अब स्ट्राबेरी बनेगी बुंदेलखंड की नई पहचान

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

झांसी. दलहन, तिलहन और अदरक के लिए मशहूर बुंदेलखंड अब अपनी नई पहचान के लिए नई इबारत लिख रहा है। बुंदेलखंड में हरदिल अजीज स्ट्रॉबेरी ने अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। और इसका सारा श्रेय झांसी को जाता है। इसलिए झांसी को ‘स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल’ के लिए चुना गया है। एक माह चलने वाले इस स्ट्रॉबेरी महोत्सव का वर्चुअल उद्घाटन करने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहाकि, बुंदेलखंड में स्ट्रॉबेरी का उत्पादन कार्य घर की छत से शुरू होकर खेतों तक पहुंचा है। यह दृढ़ इच्छाशक्ति से ही संभव है।
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झांसी में ‘स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल’ 17 जनवरी से 16 फरवरी तक चलेगा। इस महोत्सव में स्ट्रॉबेरी रेसिपी डेमो, स्ट्रॉबेरीज होम शेफ चैलेंज और फेंसी ड्रेस का आयोजन भी किया जाएगा।
खेती और मार्केटिंग में सीआईएसएच का बेहतरीन:- ‘स्ट्रॉबेरी फेस्टिवल’ के वर्चुअल उद्घाटन के बाद सीएम योगी ने इस अवसर पर कहाकि, झांसी में अगले एक माह तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी महोत्सव चमत्कार से कम नहीं है। यह तो हमारे बुंदेलखंड के किसानों के परिश्रम का परिणाम है। बुंदेलखंड की धरती पर स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन हो रहा है। बुंदेलखंड के बारे में प्रदेश और देश की जो धारणा थी उसे इस महोत्सव के माध्यम से एक नया संदेश दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के इतिहास में आज पहली बार स्ट्रॉबेरी महोत्सव का आयोजन हो रहा है। उत्तर प्रदेश के अनेक स्थानों पर स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है। स्ट्राबेरी की खेती और मार्केटिंग पर लखनऊ में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) भी बेहतरीन काम कर रहा है।
किसानों को अच्छा मुनाफा होगा :- प्रगतिशील किसान हैप्पी चावला ने झांसी में स्ट्रॉबेरी खेती की शुरूआत की है। चावला ने कहकि, स्ट्रॉबेरी बुंदेलखंड के किसानों के लिए सोना साबित होगी और उनकी किस्मत बदल डालेगी। स्ट्रॉबेरी खेती के बारे में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहाकि, डेढ़ एकड़ में सैंपलिंग की है। करीब 3 लाख रुपए प्रति एकड़ का खर्चा आया है। इसमे अनुमानित 10 हजार किलो का उत्पादन होगा। यह सौ रुपए किलो मंडी में बिकेगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो किसानों को अच्छा मुनाफा होगा।
एक पौधे से करीब एक किलो स्ट्रॉबेरी :- स्ट्रॉबेरी खेती के बड़े जानकार गौरव गर्ग ने बताया कि, 80 रुपए में मिलने वाले स्ट्रॉबेरी के एक पौधे से करीब एक किलो स्ट्रॉबेरी मिलती है। झांसी और बुंदेलखंड में अगर स्ट्रॉबेरी की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा तो यह झांसी और बुंदेलखंड के किसानों की बदहाली दूर कर देगा।
स्ट्रॉबेरी खेती से बेहतर आमदनी:- झांसी डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि, स्ट्रॉबेरी की खेती के माध्यम से किसान बेहतर आमदनी हासिल कर सकते हैं। अफसरों ने बताया कि, बुंदेलखंड में पहली बार स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू हुई है यह दलहन, तिलहन का गढ़ है। पर पहली बार कुछ किसानों ने बिना सरकारी मदद के झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की है।
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