विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी अन्नावि दिनेशकुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निदेशक सांख्यकी विनोद कुमार सिंह एवं उप निदेशक संस्थागत वित्त शिवशंकर ने ऋण मोचन योजना की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि 1,01,320 किसानों ने आवेदन किया था। इसमें से 48,094 किसान पात्र पाए गए। इन सभी को योजना का लाभ दिया गया। इसके बावजूद कई किसानों ने खुद को पात्र बताते हुए लाभान्वित नहीं किए जाने का आरोप लगाया था। शासन के निर्देश पर ऋण मोचन पोर्टल की वेबसाइट www.kisankarzrahat.upsdc.gov.in पर शिकायतें मांगी गई थी। इसके तहत अब तक 14000 शिकायतें आई हैं। निदेशक ने कहा कि पोर्टल को चालू रखा जाए और 10 मार्च तक शिकायतें ली जाएं। इसके बाद 11 मार्च से तहसील व बैंक स्तर पर जांच की जाएगी तथा पात्र किसानों की सूची शासन को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसान जन सुनवाई केंद्र, साइबर कैफे या मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। जो किसान पहले शिकायत कर चुके हैं वे दोबारा शिकायत न करें और शिकायतों का निस्तारण होते ही किसान को लाभान्वित करें। मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि योजना का लाभ उन्हीं नॉन एनपीए खाताधारक किसान को दिया जाएगा जिसका खाता दो साल से कम समय से चालू हो। बैठक में उप निदेशक कृषि रामप्रताप, जिला कृषि अधिकारी दुर्गेश कुमार सिंह, एलडीएम प्रतिनिधि शेखर उपस्थित रहे।
बैंक में जाकर ली जानकारी बैठक के बाद टीम ने पारीछा जाकर बैंक शाखा में लाभार्थियों की जानकारी ली। बताया गया कि 82 पात्र किसान थे और सभी को लाभान्वित कर दिया गया है। इसके बाद टीम ने चिरगांव विकासखंड के ग्राम निवी जाकर किसानों से बात की और योजना के लाभ के बारे में सत्यापन किया।