गौरतलब है कि एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि इंडोनेशिया की 85 प्रतिशत महिलाएं प्रतिदिन मारी-पीटी जाती हैं। इस अभियान को शुरू करने वाले एक उपन्यासकार और न्यू पीपुल्स एलायंस संगठन के सदस्य स्याल्दी सहुदे का कहना है कि अक्सर महिलाओं के कपड़ों को लेकर उन्हें परेशान किया जाता है और उनके कपड़ों से उनका केरेक्टर जज किया जाता है। इसलिए पुरुषों ने स्कर्ट पहनकर विरोध जताने की पहल की है।
महिला हिंसा के खिलाफ बने राष्ट्रीय आयोग के एक शोध के अनुसार, इंडोनेशिया में 2015 के बाद से 3,00,000 से अधिक महिला हिंसा के मामले दर्ज किए गए। जिनमें मुख्य रूप से घरेलू और यौन हिंसा के मामले अधिक रहे हैं।
जुलाई में एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ कि इंडोनेशिया में समाज और बदनामी का डर दिखाकर महिलाओं को उन पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के मामले में चुप करा दिया जाता है। यही वजह है कि बलात्कार के 90 प्रतिशत ऐसे मामले हैं जिनकी रिपोर्ट इसलिए नहीं लिखी जाती।