जिज्ञासाओं को शांत किया इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डिजिटल मीडिया में वर्तमान में युवाओं के लिये रोज़गार की अपार संभावनाएं हैं। बस जरूरत है युवाओं को इस माध्यम के अनुरूप तैयार करने की। उन्होंने मीडिया से संबन्धित छात्र-छात्राओं की अनेक जिज्ञासाओं को शांत किया। छात्रों द्वारा डिजिटल मीडिया की विश्वसनीयता एवं सरकार द्वारा किसी भी नियंत्रण पर किये गये प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा की डिजिटल मीडिया वर्तमान में सोशल मीडिया की शाखा के रूप में कार्य कर रहा है। वर्तमान में इसके मूल्यांकन की कोई नियामक संस्था नहीं है। इसके कुछ दुष्परिणाम भी दिखने लग गये हैं। इस अवसर पर छात्र अधिष्ठाता कल्याण प्रो देवेश निगम ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम निरंतर होने चाहिये। पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान की भी छात्र-छात्राओं के लिये आवश्यक है। इस अवसर पर बोलते हुए पत्रकारिता विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा सी पी पैन्युली ने छात्र-छात्राओं से कहा कि उन्हें ऐसे कार्यक्रमों से अधिकाधिक लाभ लेना चाहिए।
ये लोग रहे उपस्थित इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के समन्वयक डा कौशल त्रिपाठी, डा उमेश कुमार, उमेश शुक्ला, जय सिंह, सतीश साहनी, अभिषेक कुमार के साथ पत्रकारिता संस्थान के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे। सबसे पहले यहां पहुंचे अतिथि वक्ता का संस्थान की ओर से स्वागत किया गया। बाद में सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।