‘इस विधा का प्रयोग कर पा सकते हैं उत्कृष्ट रोजगार’
झांसीPublished: Sep 20, 2018 11:50:32 pm
‘इस विधा का प्रयोग कर पा सकते हैं उत्कृष्ट रोजगार’
‘इस विधा का प्रयोग कर पा सकते हैं उत्कृष्ट रोजगार’
झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय झांसी के 23वें दीक्षान्त समारोह के अवसर पर आयोजित व्याख्यान माला में ललित कला संस्थान द्वारा ‘‘छायांकन का वर्तमान स्वरुप: रोजगार एवं फैशन के क्षेत्र में’’ विषयक राष्ट्रीय छायांकन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में देश के ख्यातिलब्ध छायाकार व मिलन फोटोग्राफिक सोसायटी, जबलपुर के सचिव मुकुल यादव ने कहा कि छायांकन विधा रोजगार के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर रही है। फिल्म, फैशन, कला, साहित्य, संस्कृति आदि के प्रत्येक क्षेत्र में छायांकन का प्रयोग कर उत्कृष्ट रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
रोजगारपरक होनी चाहिए शिक्षा
संगोष्ठी को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय के आई. टी. एच. एम. विभाग के विभागाध्यक्ष शिक्षक नेतृत्व सम्मान से सम्मानित प्रो. सुनील काबिया ने कहा कि आज के समय में छायांकन में भी नये-नये प्रयोग हो रहे हैं। इसके माध्यम से ललित कला के विद्यार्थी और अधिक कुशलता व योग्यता के साथ रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. सी. बी. सिंह ने कहा कि आज के युग में शिक्षा रोजगारपरक होनी चाहिए। विद्यार्थी किसी भी विषय में अध्ययनरत हों, वे छायांकन व चित्रकारी के कौशल के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
ये लोग रहे उपस्थित
संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। इस अवसर पर संगोष्ठी के प्रारम्भ में ललित कला विभाग की समन्वयक डा. श्वेता पाण्डेय ने समस्त अतिथियों का स्वागत किया। संगोष्ठी का संचालन डा. मुहम्मद नईम ने किया। बाद में आभार डा. अजय कुमार गुप्ता द्वारा व्यक्त किया गया। इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों विवेक शील एवं दीप्ति मौर्या द्वारा समस्त अतिथियों का छायाचित्र बनाकर उन्हें स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया। इस अवसर पर डा. सुनीता सिंह, दिलीप कुमार, जयराम कुटार, मुकेश पटवा (जबलपुर) सहित संस्थान के विद्यार्थी उपस्थित रहे।