पीएम मोदी के आने से गहरा हुआ मोदी मैजिक और राष्ट्रवाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड में बांदा की सरजमीं से बुंदेलखंड की चारों लोकसभा सीटों के साथ ही फतेहपुर के मतदाताओं के लिए पैगाम दिया। उनके आने से लोगों के दिलों में एक बार फिर मोदी मैजिक और राष्ट्रवाद की छाप गहरी होती नजर आ रही है। गौरतलब है कि 2014 में बुंदेलखंड के लोगों ने दिल खोलकर भारतीय जनता पार्टी का साथ दिया था। यहां के मतदाताओं ने बुंदेलखंड की समूची चारों सीटें भाजपा की झोली में डाल दी थीं। इस बार भाजपा के लिए यही प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है और इसमें सबसे बड़े अवरोध के रूप में सपा-बसपा गठबंधन नजर आ रहा है।
सपा-बसपा गठबंधन में एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ा
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन प्रत्याशियों के समर्थन में बुंदेलखंड में सभाएं कीं। चुनाव के दौरान जिस खूबसूरती से अखिलेश और बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन की बात को रखा, उससे सपाइयों और बसपाइयों में एक-दूसरे पर भरोसा बढ़ता दिख रहा है। इससे दोनों पार्टियों के वोट गठबंधन प्रत्याशियों को ट्रांसफर होने की बात कही जा रही है। इससे बुंदेलखंड में सपा-बसपा और भाजपा के बीच महासंग्राम होने के आसार नजर आने लगे हैं।
प्रियंका के कार्यक्रमों में मुसलमानों के उत्साह ने बढ़ाई गठबंधन की चिंता
बुंदेलखंड में मृतप्राय पड़ी कांग्रेस में पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी उत्साह का संचार कर गईं। उनके झांसी के रोड में जिस तरह से मुसलमानों ने बढ़-चढ़कर शिरकत की, उससे सपा-बसपा गठबंधन के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं। पहले यह माना जा रहा था कि कांग्रेस के कमजोर होने के कारण मुसलमानों के सामने भाजपा को हराने के लिए गठबंधन प्रत्याशियों को वोट देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। प्रियंका के रोड शो के बाद इस धारणा में बदलाव आता दिख रहा है। इस चुनाव में हाशिये पर नजर आ रही कांग्रेस अब प्रियंका के रोड शो के बाद लड़ाई लड़ती दिख रही है। उधर, जालौन सीट पर पार्टी को सबसे बड़े उलटफेर की उम्मीद है। यहां से कांग्रेस ने लोकसभा और राज्यसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके पुराने बसपाई बृजलाल खाबरी को मैदान में उतारा है। उनकी चुनावी हवा को गति देने का काम प्रियंका का दौरा कर गया।