बच्चों को पोषणयुक्त खाना नहीं दिया, तो उन्हें हो जाएगी ये दिक्कत
झांसीPublished: Sep 08, 2018 10:46:39 pm
बच्चों को पोषणयुक्त खाना नहीं दिया, तो उन्हें हो जाएगी ये दिक्कत
बच्चों को पोषणयुक्त खाना नहीं दिया, तो उन्हें हो जाएगी ये दिक्कत
झांसी। जिला कार्यक्रम अधिकारी रामेश्वर पाल ने कहा कि यदि बच्चों को पोषणयुक्त खाना नहीं दिया जायेगा तो बच्चे का मानसिक विकास अवरूद्ध होगा यह जानकारी जनपद के ग्रामीण सुदूर क्षेत्रों में प्रचारित प्रसारित करायें। 1 सितंबर से जनपद में सुपोषण स्वास्थ्य मेला प्रत्येक स्वास्थ्य उपकेन्द्रों पर आयोजित किया जा रहा है। सभी ए.एन.एम. व आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां समय से उपस्थित हो। यदि जांचोपरांत अनुपस्थित पायी जाती है तो कार्यवाही की जायेगी। वह बबीना विकासखंड के ग्राम खैलार में पोषाहार से विभिन्न व्यंजनों को बनाये जाने की जानकारी लेने के बाद बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र पर वितरित किये जाने वाले पोषाहार को व्यंजन के रूप में तैयार कर बच्चों को वितरित किया जायेगा तो बच्चे उसे बड़े चाव के साथ खायेंगे।
छह माह के बाद बच्चों को अर्ध ठोस भोजन दें
ग्राम खैलार आंगनबाड़ी केन्द्र पर बचपन दिवस के आयोजन पर 6 माह होने वाले बच्चों को अन्नप्राशन करवाया जाये। माताओं को 6 माह के बाद बच्चों को अनिवार्य रूप से अर्ध ठोस भोजन जैसे- आंगनबाड़ी केन्द्र से मिलने वाले सामान से खीर बनाकर खिलाने, गाढ़ी दाल, मसला केला खाने में देने की शुरूआत करने की सलाह दी। डी.पी.ओ. ने कहा कि 5 वर्ष तक के बच्चों का वजन लेकर कुपोषण की पहचान की जाये। साथ ही अतिशीघ्र कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराया जाए।
इलाज न मिलने से हो जाती है मौत
इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी ने उपस्थित ए.एन.एम. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व माताओं को ताकीद करते हुये कहा कि यदि अतिकुपोषित बच्चों का समय पर इलाज न किया जाये तो बच्चे की मौत भी हो सकती है। पोषण के संबंध में जन जागरूकता पैदा करने के लिये गांव-गांव रैलियों का आयोजन किया जाये। इसमें प्रधान को भी शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी 10 सितंबर को 1 बजे विकास भवन में इस कार्यक्रम के अन्तर्गत विभिन्न विभागों की समीक्षा करेंगे। इस मौके पर ग्राम प्रधान सहित अनेक मातायें व विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहें।