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अफसर न तो गोद लिए गांव पहुंचे और न ही मीटिंग में, डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण

locationझांसीPublished: Feb 20, 2018 11:06:01 pm

Submitted by:

BK Gupta

अफसर न तो गोद लिए गांव पहुंचे और न ही मीटिंग में, डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण

officers meeting with dm jhansi

अफसर न तो गोद लिए गांव पहुंचे और न ही मीटिंग में, डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण

झांसी। जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी ने अधिकारियों से कहा कि वे अपने गोद लिए गांवों का भ्रमण अवश्य करें। साथ चौपाल में लोगों को जागरूक करें कि गर्भवती महिलाओं को आयरन फोलिक एसिड गोलियां निर्धारित मात्रा में अवश्य सेवन कराएं, ताकि प्रसव के दौरान होने वाली मौतों को रोका जा सके। बैठक में अनुपस्थित रहने और गोद लिए गांव में भ्रमण न करने पर जिला स्तरीय दो अधिकारियों से स्पष्टीकरण लिए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने ताकीद किया कि अधिकारी अपने गोद लिए गांव में अवश्य भ्रमण करें, कुपोषण मुक्त प्रदेश शासन की प्राथमिकताओं में शामिल है।
142 गांव लिए गए हैं गोद

जिलाधिकारी ने कहा कि 142 गांवों को जिला स्तरीय अधिकारियों ने गोद लिया है। चिह्नित गांवों को ओडीएफ प्राथमिकता कराया जाए। यदि चिह्नित गांवों में शौचालय निर्माण नहीं है, तो वहां तत्काल शौचालय निर्माण कराएं। उन्होंने कहा कि कुपोषण का कारण गंदगी भी है। जब गंदगी नहीं होगी तो गांव खुशहाल होगा।
सूची तैयार करने के निर्देश

जिलाधिकारी ने कहा कि सुपरवाइजरों की जिम्मेदारी है कि वह कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का चयन कर प्रतीक्षा सूची तैयार कर लें, ताकि उन्हें समय से मेडिकल कालेज में स्थापित सेंटर में भेजा जा सके। उन्होंने शासन से आने वाले कॉल की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्री से पूछे जाने वाले सवालों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बामौर की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि जो कॉल शासन स्तर से आए, उसे सक्षम कर्मचारी रिसीव करे तथा जवाब दे।
71 अधिकारियों ने गोद लिए हैं गांव

बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी करुणा जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तर के 71 अधिकारियों ने दो-दो गांव गोद लिए हैं। इस तरह कुल 142 गांव गोद लिए गए हैं। 15 गांव कुपोषण मुक्त कराए जा चुके हैं। इसके साथ ही 120 गांव कुपोषण वेब पोर्टल पर अपलोड करा दिए गए हैं।
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