142 गांव लिए गए हैं गोद जिलाधिकारी ने कहा कि 142 गांवों को जिला स्तरीय अधिकारियों ने गोद लिया है। चिह्नित गांवों को ओडीएफ प्राथमिकता कराया जाए। यदि चिह्नित गांवों में शौचालय निर्माण नहीं है, तो वहां तत्काल शौचालय निर्माण कराएं। उन्होंने कहा कि कुपोषण का कारण गंदगी भी है। जब गंदगी नहीं होगी तो गांव खुशहाल होगा।
सूची तैयार करने के निर्देश जिलाधिकारी ने कहा कि सुपरवाइजरों की जिम्मेदारी है कि वह कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों का चयन कर प्रतीक्षा सूची तैयार कर लें, ताकि उन्हें समय से मेडिकल कालेज में स्थापित सेंटर में भेजा जा सके। उन्होंने शासन से आने वाले कॉल की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने एएनएम तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्री से पूछे जाने वाले सवालों की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने बामौर की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि जो कॉल शासन स्तर से आए, उसे सक्षम कर्मचारी रिसीव करे तथा जवाब दे।
71 अधिकारियों ने गोद लिए हैं गांव बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी करुणा जायसवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला स्तर के 71 अधिकारियों ने दो-दो गांव गोद लिए हैं। इस तरह कुल 142 गांव गोद लिए गए हैं। 15 गांव कुपोषण मुक्त कराए जा चुके हैं। इसके साथ ही 120 गांव कुपोषण वेब पोर्टल पर अपलोड करा दिए गए हैं।