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खुलासा: सीकर पुलिस की कड़वी हकीकत, दूसरे के भरोसे धोऐ बदनामी के दाग

locationजयपुरPublished: Oct 26, 2015 11:41:00 am

Submitted by:

vishwanath saini

पत्रिका ने पड़ताल की तो कहीं दूसरे की उपलब्धि अपने खाते में डाली गई है
तो कहीं भाग्य के भरोसे मिली सफलता से  प्रदेश में हुई बदमानी का दाग धोया
गया है।

पुलिस अपनी खराब छवि सुधारने के प्रयास में है। इस बार सफलता की कहानियों के जरिए प्रभावशीलता और कार्य क्षमता को जनता के सामने रखा जाएगा। इसका माध्यम बनेगा इंटरनेट। प्रदेशभर में शुरू किए गए इस प्रयोग में सीकर पुलिस ने नौ मामलों की सफलता को शामिल किया है। इन मामलों में विषम परिस्थितियों में पुलिस अपराधियों तक कैसे पहुंची।

किसका क्या विशेष योगदान रहा। यह पुलिस की कहानी में शामिल किया गया है। लेकिन इन मामलों की पत्रिका ने पड़ताल की तो कहीं दूसरे की उपलब्धि अपने खाते में डाली गई है तो कहीं भाग्य के भरोसे मिली सफलता से प्रदेश में हुई बदमानी का दाग धोया गया है।


मासूम का अपहरण कर दुष्कर्म
केस वन
सीकर में पिछले दिनों चार वर्षीय मासूम का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में पीडि़ता की मां ने नामजद एफआईआर दर्ज करवाई, लेकिन वारदात में नामजद दोनों ही युवक निर्दोष निकले। ऐसे में पुलिस के सामने चुनौती खड़ी हो गई। जांच में पुलिस को घटनास्थल के पास सीसीटीवी में मासूम को ले जाते हुए एक संदिग्ध युवक का फुटेज हाथ लगा।
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लेकिन फुटेज में चेहरा साफ नहीं था। चार दिन की तलाश के बाद भी पुलिस खाली हाथ रही। इससे पुलिस के अरमान डगमागने लगे। आरोपित केे फुटेज सार्वजनिक होने के बाद होटल में काम करने वाले ऐसे ही युवक की पुलिस को जानकारी मिली, जो होटल से नौकरी छोड़कर जा चुका था। उसी दिन पुलिस ने होटल से उसका रिकॉर्ड लिया। लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसको नोखा से गिरफ्तार कर लिया।

यह है हकीकत
मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। बेटी के लापता होने के बाद मां रातभर पुलिस चौकी से लेकर थानों के चक्कर लगाती रही, लेकिन पुलिस वालों ने न मुकदमा दर्ज किया और न महिला की कोई मदद की। कल्याण सर्किल पुलिस चौकी के पास घटी इस घटना में पुलिसवालों ने इतना भी नहीं किया कि उस महिला के साथ आसपास के इलाकों में बच्ची की तलाश की जाए। करीब आठ घंटे बाद पुलिस हरकत में आई। मामले में तीन उप निरीक्षक सहित चार को निलंबित किया गया। सीकर बंद रहा और विरोध-प्रदर्शन किया गया। बाद में आरोपित तीन दिन तक शहर में रहा। लेकिन पुलिस के हाथ नहीं आया। फुटेज जारी होने के पकड़ा गया।

व्यापारी अपहरण कांड

केस टू
अप्रेल माह में शहर के बजाज रोड के पास से सुबह घूमने के लिए निकले एक व्यापारी का अपहरण कर आरोपितों ने दस लाख रुपए फिरौती मांगी। एसपी से लेकर आईजी तक मामले में दिनभर मॉनिटरिंग करते रहे। पुलिस ने नाकाबंदी कर आरोपितों की तलाश की, तो आरोपित व्यापारी को रींगस के पास छोड़ गए। मामले में कुछ दिन बाद पुलिस ने बड़े गैंग की अनुराधा सहित कई आरोपितों को पकड़ा। उससे कई मामलों का खुलासा हुआ।
police ki manmani
यह है हकीकत
अपहरण के बाद पुलिस को सूचना नहीं मिली। बहन को स्कूल छोड़कर आ रहे एक युवक ने एसपी को फोन पर सूचना दी, तो पुलिस हरकत में आई। व्यापारी के घर आए एक आरोपित को लोगों ने दबोचा। कड़ी नाकाबंदी के बावजूद आरोपित व्यापारी को लेकर दिनभर जिले में घूमते रहे। रात को व्यापारी को छोड़कर भागने में भी उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। इसके बाद मामले के मुख्य आरोपित अनुराधा चौधरी व कुलदीप जयपुर में किराए पर रहते रहे। वारदात के बाद पुलिस ने कुलदीप का रिकॉर्ड देखा तो उस पर 26 मुकदमें दर्ज थे, लेकिन उसकी हिस्ट्रीशीट नहीं खोली गई थी। मामले में कुलदीप अब भी पुलिस गिरफ्त से दूर है।


रिवाल्वर दिखाकर गल्ले से निकाले पैसे

केस थ्री
नीमकाथाना इलाके के बराला मोड़ पर स्थित एक होटल पर एक हिस्ट्रीशीटर व अन्य ने खाना खाया। संचालक ने बाद में पैसे मांगे, तो विवाद हो गया। इस पर आरोपितों ने कट्टे व रिवॉल्वर निकालकर उसके कनपटी पर लगा दी। बाद में बीचबचाव के लिए आए एक कमचारी को रिवॉल्वर की बट मार दी। इससे उसके आंख के पास चोट आ गई। बाद में आरोपितों ने गल्ले से आठ हजार रुपए चोरी कर लिए। इसके बाद पीडि़त ने नीमकाथाना सदर में मामला दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। पुलिस ने मामले में पांच जनों को दोषी माना।
police udaipur
यह है हकीकत
होटल पर खाना खाने के बाद पैसे मांगने पर रिवॉल्वर दिखाकर धमकाया और मारपीट की। बचाने आए कर्मचारी के रिवॉल्वर की बट मारी, तो होटल का स्टॉफ व ग्रामीण एकत्रित हो गए।
लोगों ने साहस दिखाकर खुद ही आरोपित को मौके पर ही पकड़ लिया था। बाद में लोगों ने आरोपित को मौके पर पहुंची पुलिस को सौंप दिया। इस मामले में अभी भी एक आरोपित पुलिस के हाथ नहीं आया। इस मामले को सफलता में शामिल किया गया। जबकि बदमाश जनता ने पकड़ा।

इन मामलो में पुलिस के साहसी प्रयास

जून में पाटन इलाके में बालेश्वर की पहाडिय़ों में बोरी में बंद एक महिला की लाश मिली। महिला की हत्या करके शव को बोरी में डाल गया और उसमें नमक डाल दिया गया था। दो दिन तक उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। बोरी पर लिखे पते के अनुसार पुलिस ने उसके परिजनों को ढूंढा। पुलिस ने आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपित मृतका के ससुरालवाले ही थे।
 loot
सितंबर माह में देवीपुरा बीड़ में बेहोश अवस्था में मिले एक युवक की मौत के मामले में उद्योग नगर थाने में मर्ग दर्ज हुई। मामले की जांच में चौंकने वाले तथ्य सामने आया। युवक के कुछ साथी उसका अपहरण कर देवीपुरा बीड़ में ले गए। वहां पर उसे पीट-पीट कर जबरन शराब पिलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में पुलिस ने मामले में आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

सितंबर माह में नीमकथाना के सिरोही में महिला के साथ रह रहे एक युवक की मौत के बाद महिला व उसके पुरूष साथियों ने शव को जला दिया। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस पहुंची तो हत्या की बात सामने आइ्र्र। इस पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच की, तो सामने आया कि महिला ने ही उसकी हत्या कर दी थी। आरोपित गिरफ्तार।
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