बच्चों के मानसिक विकास पर असर डालता है कुपोषण कार्यशाला का संचालन कर रहीं स्वस्थ भारत प्रेरक कृति जैन ने बताया कि कुपोषण न सिर्फ बच्चे के शारीरिक विकास के लिए बाधक होता है बल्कि उसके मानसिक विकास पर भी गहरा असर डालता है। इसीलिए कुपोषण को अगर समाज से खत्म करना है तो पोषण साथी के माध्यम से इस पोषण अभियान को जन आन्दोलन के रूप में चलाना होगा। उन्होंने कहा कि यदि कुपोषण को खत्म करना है तो स्तनपान, पूरक आहार, स्वच्छता, कन्याओं की शिक्षा और सही उम्र में शादी, आंगनबाड़ी पर मिलने वाला पोषाहार आदि पर ध्यान देना होगा। पोषण साथी के माध्यम से इस सुपोषण अभियान को जन – जन तक पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसमें सबसे पहले पोषण साथी के साथ भागीदारी स्थापित करनी है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के उपायुक्त एनएन मिश्रा ने कुपोषण को शिक्षा से जोड़ते हुये बताया कि बच्चे का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। इसपर उन्होंने ‘घर घर दीप जलाना होगा – हर बच्चे को पढ़ाना होगा’ नारा देकर सभी से इस ओर ध्यान देने को कहा।
कार्यशाला का उद्देशय था कि हमारा प्रत्येक गांव कुपोषण मुक्त तभी होगा जब हर व्यक्ति, संस्थान, और प्रतिनिधि भारत को कुपोषण- मुक्त बनाने में अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं , हर बच्चा, किशोर- किशोरी, गर्भवती व धात्री महिला निर्धारित पोषण के बारे में जागरूक हों और सेवाओं तक उनकी पहुंच हो।
कार्यशाला में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की कार्यक्रम अधिकारी संगीता सिंह, स्वास्थ्य विभाग से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ॰ नरेश अग्रवाल, व डीईआईसी मैनेजर डॉ॰ राम बाबू, नागरिक सुरक्षा संगठन से भूपेंद्र खत्री व राष्ट्रीय ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन के सदस्य मौजूद थे।
ये हैं पोषण साथी के दायित्व- पोषण साथी अपने क्षेत्र में कार्यरत आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी, आंगनबाड़ी सहायिका से संपर्क कर उनके द्वारा समय – समय पर आयोजित गतिविधियों में भाग लेंगे। इसके साथ ही अपनी कार्य मीटिंग में भी इनको बुलाएंगे।
यदि किसी जगह निर्धारित समय योजना पर कोई दिवस नहीं मनाया जा रहा तो इसकी जानकारी पोषण साथी आईसीडीएस विभाग को देंगे।
वह अपने आस पास रहने वाले लोगों और खुद के घर में पोषण को बढ़ावा देंगे।
पोषण के साथ वह शिक्षा को भी बढ़ावा देंगे।
किया जाएगा सम्मानित- हर तीसरे माह अच्छा कार्य करने वाले पोषण साथी को मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा सम्मानित किया जाएगा।