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बुंदेलखंड में बड़े खतरे की आहट

locationझांसीPublished: Aug 01, 2019 02:03:10 pm

Submitted by:

BK Gupta

पर्याप्त बारिश नहीं होने से बांधों को अभी भी और पानी का इंतजार है। ज्यादातर बांध अभी भरे नहीं हैं।

rain in bundelkhand

बुंदेलखंड में बड़े खतरे की आहट

मानसून के कदम ठिठके, बुंदेलखंड में सूखे की आहट

झांसी। जुलाई महीना गुजरने के बाद भी अपेक्षित बारिश नहीं होने से मानसून की बेरुखी नजर आने लगी है। इसका सीधा असर बुंदेलखंड के हालात पर पड़ता दिखाई दे रहा है। पर्याप्त बारिश नहीं होने से बांधों को अभी भी और पानी का इंतजार है। ज्यादातर बांध अभी भरे नहीं हैं। ऐसे में बुंदेलखंड के किसानों के साथ-साथ ही आमआदमी के चेहरे पर चिंता की लकीरें बनने लगी हैं। लोग इसे बुंदेलखंड में सूखे की आहट के रूप में देख रहे हैं। लोगों का मानना है कि अगर बारिश का यही हाल रहा तो फिर बुंदेलखंड में सूखा पड़ने के आसार हैं।
अभी ये है बांधों में जलस्तर की स्थिति

बुंदेलखंड में बांधों की लंबी श्रृंखला है। इसमें मध्यप्रदेश से निकलने वाली बेतवा नदी पर ललितपुर जिले के राजघाट में राजघाट बांध बना है। इसके बाद इसी नदी पर माताटीला बांध है। इसके आगे फिर सुकुवां-ढुकुवां और पारीछा के बाद एरच बांध है। यहां से आगे बढ़कर फिर यह नदी हमीरपुर जिले में यमुना में मिलती है। इस नदी पर बने हुए राजघाट बांध और माताटीला बांध में अभी जुलाई का अपेक्षित पानी भी इकट्ठा नहीं हो सका है। सूचना विभाग के आंकड़ों के अनुसार जुलाई में 31 तारीख तक राजघाट बांध को 368 मीटर तक भर जाना चाहिए था, लेकिन यह अभी तक केवल 362 मीटर तक ही भर सका है। कुछ इसी तरह का हाल माताटीला बांध का है। माताटीला बांध में अब तक 306 मीटर पानी हो जाना चाहिए था, लेकिन यह अब तक 303 मीटर तक ही आंकड़ा पहुंच सका है।
अगर नहीं हुई बारिश तो बिगड़ेंगे हालात

अभी तक की बारिश की स्थिति को देखकर लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। दरअसल, समूचे बुंदेलखंड की सिंचाई व्यवस्था बांधों के पानी पर ही निर्भर है। इसके अलावा माताटीला बांध से डाली गई पाइप लाइन के जरिए झांसी को पेयजल की आपूर्ति होती है। इसके अलावा कुछ अन्य स्थानों पर भी बांधों से पेयजल की आपूर्ति होती है। ऐसे में अगर मानसून ने साथ नहीं दिया, तो सूखे के कारण एक तरफ खेती-किसानी पर विपरीत असर पड़ेगा, वहीं पेयजल की परेशानी भी बढ़ सकती है।
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