अब दिया जाएगा रोटा वायरस वैक्सीन, बच्चों को बचाएगा इस जानलेवा बीमारी से
झांसीPublished: Sep 06, 2018 04:35:24 pm
अब दिया जाएगा रोटा वायरस वैक्सीन, बच्चों को बचाएगा इस जानलेवा बीमारी से
अब दिया जाएगा रोटा वायरस वैक्सीन, बच्चों को बचाएगा इस जानलेवा बीमारी से
झांसी। जिले में डायरिया से बच्चों की होने वाली मौतों की रोकथाम के लिए जिला महिला अस्पताल में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन की 5 बूंद अपर निदेशक डा सुमन बाबू द्वारा पिलाकर शुभारंभ किया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों में डायरिया से होने वाली मृत्यु से बचाव के लिए रोटा वायरस वैक्सीन को 1 साल तक के सभी बच्चों को डेढ़ माह, ढाई माह एवं साढ़े तीन माह पर रोटा वायरस वैक्सीन की 5 बूंद हर बच्चे को पिलाया जायेगा। इससे शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकेगी।
डायरिया से बचाता है
मुख्य चिकित्साधिकारी डा सुशील प्रकाश ने बताया कि डायरिया के कारण बहुत से बच्चों कि मृत्यु हो जाती है। इसके बचाव के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत रोटा वायरस वैक्सीन नियमित टीकाकरण सत्रों के माध्यम से अब सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक साल तक के बच्चों को नि:शुल्क पिलाया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यह वैक्सीन अभी तक प्राइवेट अस्पतालों में मौजूद था जो काफी महंगा था। इसी को ध्यान में रखते हुये सरकार ने इस वैक्सीन को अब सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध करा दी है, जिससे बच्चों में डायरिया बीमारी से होने वाली मृत्यु से बचाया जा सके।
रोटा वायरस वैक्सीन आज भारत सहित 92 देशों के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में शामिल है। इसमें भारत के पहले 10 राज्यों में (हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, असम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा और झारखंड) सफलतापूर्वक लागू किया गया था। वही रोटा वायरस वैक्सीन को अब देश के 11 वें राज्य उत्तर प्रदेश में भी शामिल कर लिया गया, ताकि बच्चों में रोटा वायरस से होने वाली डायरिया बीमारी से बचाया जा सके।
क्या है रोटावायरस
रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है, यह बच्चों में दस्त पैदा करने का सबसे बड़ा कारण है जिसके कारण बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है या बच्चे कि मृत्यु भी हो सकती है।
क्या है रोटावायरस के लक्षण
रोटा वायरस संक्रमण की शुरुआत हल्के दस्त से होती है। जो आगे जाकर गंभीर रूप ले सकता है। पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो सकती है तथा कुछ मामलों में बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। रोटावायरस संक्रमण में गंभीर दस्त के साथ-साथ बुखार और उल्टियां भी होती हैं और कभी-कभी पेट में दर्द भी होता है। दस्त एवं अन्य लक्षण लगभग 3 से 7 दिनों तक रहते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में बच्चों की होने वाली कुल मौतों में से सबसे अधिक मौतें डायरिया के कारण होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार भारत में 5 वर्ष तक के बच्चों की होने वाली मौतों में 10 प्रतिशत मौतें डायरिया के कारण होती हैं, यानी भारत में लगभग 1 लाख 20 हजार बच्चे प्रतिवर्ष डायरिया से मर रहे हैं।
ये लोग रहे मौजूद
इस दौरान जिला महिला अस्पताल में पहले दिन 13 बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन पहला टीका लगाया गया। इस कार्यक्रम में डा सुशील प्रकाश मुख्य चिकित्साधिकारी, डा वसुधा अग्रवाल मुख्य चिकित्साधीक्षक, डा महेंद्र कुमार उप मुख्य चिकित्साधिकारी, डा एन० के० जैन अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, डा विजयाश्री लक्ष्मी जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, गौरव सक्सेना क्वालिटी मैनेजर, डा अभिषेक मिश्रा जेएसआई, अरशद बेग प्रोजेक्ट ऑफिसर यूएनडीपी , लाखन सिंह अपर शोधाधिकारी, रुचिर शुक्ला वैक्सीन कोल्ड चैन प्रबन्धक व अन्य स्टाफ माजूद रहे।