झांसी। शासन की आरक्षण नीति के कारण दो गांवों की कहानी भी अजब नजर आने लगी है। यहां के मथुरापुरा और पलींदा ग्राम पंचायत में अनुसूचित जनजाति के आरक्षित कोटे का एक भी व्यक्ति न होने के कारण इन पंचायतों में किसी ने प्रधान पद पर दावा नहीं ठोका। इससे इन पंचायतों को फिर बिना प्रधान के
काम चलाना पड़ेगा। यही नहीं, छह अन्य ग्राम व एक क्षेत्र पंचायत वार्ड को बिना सदस्य के रहना पड़ेगा।
नामांकन तक नहीं हुए
राज्य निर्वाचन आयोग ने रिक्त ग्राम व क्षेत्र पंचायत सीटों पर उप चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया था। झांसी जिले की 22 ग्राम पंचायतों में तीन प्रधान, 19 सदस्य एवं तीन क्षेत्र पंचायत सदस्यों के पद रिक्त थे। इसमें से दो पंचायतें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी जहां चुनाव के दौरान एक भी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया था। इसका कारण इन पंचायतों में इस वर्ग की आबादी न होना था। इसके अलावा अन्य पंचायतें भी किसी न किसी कारण से रिक्त हो गई थीं। नामांकन प्रक्रिया और नाम वापसी के बाद बबीना विकासखंड की मथुरापुरा में प्रधान, वार्ड नंबर एक में सदस्य, पलींदा में प्रधान व वार्ड नंबर एक में सदस्य, पृथ्वीपुर नयाखेड़ा में वार्ड नंबर एक तथा क्षेत्र पंचायत मथुरापुरा प्रथम में सदस्य पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रखा गया था। यहां उप चुनाव में इस बार भी किसी ने नामांकन नहीं किया। इसी तरह ग्राम पंचायत डंगरिया रुंद के वार्ड नंबर चार, रक्सा के वार्ड नंबर एक अनुसूचित जाति, कोटखेरा के वार्ड नंबर एक अनुसूचित जाति के लिए भी नामांकन नहीं हुए। यह सीटें रिक्त रहना तय है।
इन सीटों पर हुए एक-एक नामांकन
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायत एवं नगरीय निकाय समर सिंह ने बताया कि ब्लॉक बड़ागांव की ग्राम पंचायत बेहटा, गोरामछिया (दो वार्ड),
पारीछा , पुरा, बुड़पुरा (तीन वार्ड), अठौंदना, डगरवाहा, मऊरानीपुर की ग्राम पंचायत घाट लहचूरा व मोंठ के बहादुरपुर में एक-एक नामांकन होने से निर्विरोध निर्वाचन तय है। इसके अलावा बामौर के पथरैड़ी में प्रधान पद के लिए छह, बबीना के पुनावली कलां में दो नामांकन सदस्य पद के लिए आए। क्षेत्र पंचायत बड़ागांव के लिधौरा से 11 व बबीना के रसीना से दो प्रत्याशियों ने सदस्य पद की दावेदारी की। इन सीटों पर चुनाव कराया जाएगा।