झांसी

‘युवा वर्ग पड़ा है इनके पीछे और यही है बीमारियों की वजह’

‘युवा वर्ग पड़ा है इनके पीछे और यही है बीमारियों की वजह’

झांसीOct 07, 2018 / 10:01 pm

BK Gupta

‘युवा वर्ग पड़ा है इनके पीछे और यही है बीमारियों की वजह’

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय अधिष्ठाता अभियांत्रिकी एवं तकनीकी प्रो. एस के कटियार ने कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को उचित, सन्तुलित एवं पौष्टिक आहार उपलब्ध होना चाहिये। यह समाज एवं सरकार का उत्तरदायित्व है। वह यहां बुंदेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संस्थान के अंतर्गत संचालित खाद्य तकनीकी विभाग एवं एसोसिएशन ऑफ फूड साइंटिस्ट, टेक्नोलाजिस्ट एण्ड इंजीनियर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भोजन और पोषण सुरक्षा विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह के अवसर पर बोल रहे थे। प्रो. कटियार ने कहा कि स्वास्थ हमारी सबसे बड़ी पूंजी होती है। इसका अच्छे से ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हम लोग एक सन्तुलित आहार नहीं ले पा रहे हैं और यही बीमारियों की वजह है। आज युवा वर्ग फास्ट फूड तथा जंक फूड के पीछे पड़ा है।
खाद्य परिरक्षण का महत्व समझाया
मुख्य अतिथि गुरु नानक इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी, कोलकाता की डा. काकोली बंदोपाध्याय ने खाद्य परिरक्षण के महत्व को समझाते हुए बताया गया कि एक बड़ी जनसंख्या के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध न होने के बावजूद, खाद्य पदार्थों की एक बहुत बड़ी मात्रा विभिन्न कारणों से खराब हो जाने के कारण उपभोग लायक नहीं रहती। खाद्य परिरक्षण की विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करके इस बर्बादी को कम किया जा सकता है।
भोजन और स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें
अधिष्ठाता कला संकाय तथा कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो.सी.बी.सिंह ने बताया कि वर्तमान में अत्यधिक जनसंख्या विस्फोट के कारण विश्व के प्रत्येक व्यक्ति के लिए भोजन प्रदान करना लगभग असंभव सा हो गया है। प्रो.सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास के कारण यद्यपि प्रचुर मात्रा में खाद्यान्न का उत्पादन हो रहा है, फिर भी वह सभी लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। प्रो. सिंह ने उपस्थित लोगों का आह्वान किया कि वे अपने भोजन एवं स्वास्थ्य के प्रति सचेत बनें। इस अवसर पर डब्ल्यू.बी.यू.टी.ए कोलकाता के ए.आर चौधरी ने फूड पैकेजिंग तकनीक के द्वारा खाद्य परिरक्षण की विस्तार से जानकारी दी गयी।
मिलावट के दुष्परिणाम बताए
झांसी के खाद्य सुरक्षा अधिकारी आजाद कुमार ने खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण के दुष्परिणाम तथा उनसे बचने के उपायों से अवगत कराते हुये फूड सेफ्टी प्लान तथा टोटल प्रोडक्टिव मेंटीनेंस की जानकारी दी। खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय के हिमांशु राजपूत ने सरकार द्वारा चलायी जा रही खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सम्बन्धी विभिन्न योजनाओं से अवगत करते हुये फूड सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी दी। इसके साथ ही बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के खाद्य तकनीकी विभाग तथा कोलकाता के गुरु नानक इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के बीच एम.ओ.यू. पर दोनों पक्षों के द्वारा हस्ताक्षर किये गये, जिसके तहत दोनों संस्थान साझा शोध, अध्यापन, शैक्षणिक तथा सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकेंगे।
संगोष्ठी की संयोजिका डा.शुभांगी निगम ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डा.अनुपम व्यास ने किया। इस अवसर पर डा.मीनाक्षी सिंह, डा.गजाला रिजवी, डा.विनीत कुमार, बी.पी.गुप्ता, शशिकान्त वर्मा, राहुल शुक्ला राजेश वर्मा, इकरूप वर्मा, डा.अंजू सिंह, डा.नुपुर गौतम, डा.पूनम मेहरोत्रा, सिद्धू, पायल घोष, सदफ नजीर, डा.सन्तोष पाण्डेय, एसोसिएशन आफ फूड साइंटिस्ट्स एंड टेक्नोलाजिस्ट्स के सदस्य दीपांशु रंजन, प्रियांशु कुमार सिंह, सचिन मिश्रा, शिवम् यादव, आशीष द्विवेदी, यादवेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे ।

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