ये है पूरा मामला मृतका के बेटे शैलेंद्र तिवारी ने बताया है कि उसकी मां भद्रेश तिवारी(59) वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन झांसी में टेक्नीशियन पद पर अपनी सेवाएं दे रही थी। शाम 5 बजे वे स्टेशन से ड्यूटी पूरी करने के बाद अपने खातीबाता स्थित घर लौटीं थीं। भद्रेश के घुटनों का इलाज चल रहा था। उनको कई साल से घुटनों में दर्द की शिकायत थी। ऐसा ही उनके साथ शनिवार को हुआ। और उन्होंने गलत दवा खा ली।
घर में बिगड़ गई थी हालत भद्रेश तिवारी ने जब गलत दवा खाई तो थोड़ी देर बाद उनकी हालत बिगड़ गई। उनको आनन-फानन में हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का पूरा प्रयास किया लेकिन इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है भद्रेश तिवारी के पति प्रकाश नारायण तिवारी भी रेलवे से रिटायर्ड कर्मचारी थे। उनकी 2019 में बीमारी के चलते मौत हो गई थी। चार साल पहले पिता की मौत और अब मां का भी साया सिर से उठ गया। तीनों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।