ऐसे फैलती है बीमारी
चिकनपाक्स जिसे छोटी माता भी कहा जाता है। यह एक वायरल संक्रमण है। यह बीमारी वैरिकाला जोस्टर वायरस के कारण होता है। इसमें व्यक्ति के शरीर पर लाल चकक्ते पड़ जाते हैं और उसमें द्रव या पानी भरा होता है जो देखने में छाले की तरह लगता है। इसमें व्यक्ति को खुजली एवं जलन होती है। यह बीमारी बच्चों व बड़ों दोनों को होती है। बच्चों में इसका प्रतिशत अधिक होता है। जिस व्यक्ति या बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वही इसकी चपेट में आते हैं। ऐसे स्थिति में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। तुरंत डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराना चाहिए, जिससे इस बीमारी से होने वाली मृत्यु से बचा जा सके।
ये हैं बीमारी के लक्षण
जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अतुल गुप्ता ने बताया कि चिकन पॉक्स एक फैलने वाली बीमारी है। जब कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता और खांसता है तो इसका वायरस वातावरण में फैल जाता है। उस दौरान कोई स्वस्थ व्यक्ति मौजूद हो तो यह वायरस श्वांस नली के जरिए उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसको भी संक्रमित कर देता है। इस बीमारी के दौरान व्यक्ति के शरीर में बुखार और दर्द दोनों बने रहते हैं। इसके अलावा इस बीमारी के अन्य लक्षण निम्न हैं।
· शरीर में लाल दाने
· तेज बुखार
· खुजली
· सिर दर्द।
· कमजोरी इत्यादि।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस बीमारी को ठीक होने में लगभग 2 से 3 सप्ताह का समय लग जाता है। बच्चों को इस बीमारी से बचाव के टीके लगवाने बहुत जरूरी हैं। यदि सही समय पर इलाज नहीं किया जाए तो गहरे दाग- धब्बों के साथ-साथ निमोनिया और दिमाग पर भी असर करता है। जो एक गंभीर समस्या है। इसके लिए लोगों को इस बीमारी के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए, जिससे इससे बचाव हो सके।
ग्रसित होने पर यह करें
· ग्रसित व्यक्ति को आराम करने दें।
· उसे अन्य सदस्यों से दूर अलग साफ-सुथरे कमरे में ठहराएं, ताकि दूसरे लोग ग्रसित न हो सकें।
· शरीर में पड़े दानों को फोड़ना नहीं चाहिये। उन्हें अपने से फूटने का इंतजार करें।
· ग्रसित व्यक्ति के बेड की चादर को साफ सुथरा रखें, ।
· उन्हें साफ स्वच्छ धुले हुए कपड़े ही पहनाएं।
· प्रशिक्षित चिकित्सक से ही सलाह व इलाज लें।
· दाने फूटने पर उन्हें साफ व हल्के सूती कपड़े से सहलाएं।
· गर्म तरल पेय पदार्थ का सेवन करें।
इनसे करें परहेज
· इलाज के लिए झोलाछाप के चक्कर में न पड़े।
· बड़ी माता की भ्रांति में झाड़-फूंक कदापि न करायें।
· ग्रसित व्यक्ति धूप में न निकलें, ऐसा करने पर शरीर में जलन बढ़ेगी और खुजली भी होगी।
· खुजली होने पर खुजलाने से बचें।