ये था मामला सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी श्याम यादव ने बताया कि एक व्यक्ति ने थाना जीआरपी को लिखित तहरीर देते हुए बताया था कि वह दिल्ली से मजदूरी करके पत्नी व दो बेटियों के साथ ट्रेन से झांसी आकर प्लेटफार्म क्रमांक छह पर दूसरी ट्रेन का इंतजार कर रहा था। 27 फरवरी 2015 को प्रातः करीब पांच बजे उसकी 13 वर्षीय बेटी लघुशंका के लिए खजुराहो पैसेंजर की आखिरी बोगी के बाथरूम गयी थी।
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पूर्व सीएम
अखिलेश यादव पर फिर आई मुश्किलें, उन्नाव में हुई गिरफ्तारी, सपाईयों ने किया प्रदर्शन ट्रेन खाली खड़ी थी तभी राधिका के चीखने चिल्लाने की आवाज आयी। इसी बीच दो पुलिस कर्मी आते दिखाई दिए। उन्हें साथ लेकर जब वह खजुराहो पैसेंजर की आखिरी बोगी की तरफ पहुंचा तो देखा कि एक लड़का उसकी बेटी के साथ गलत काम कर रहा है जिसे पकड़कर थाने लाया गया, जहां पूछताछ में उसने अपना नाम देशराज उर्फ तिल्लू पुत्र विद्या प्रसाद बरार निवासी ग्राम पाली थाना बड़ागांव जिला झांसी बताया । उसके विरूद्ध थाना जीआरपी में धारा 376 भा0द0सं0 व धारा 3/4 पास्को एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त देशराज को धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के अन्तर्गत दोषी मानते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे तीन माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियुक्त द्वारा जमा अर्थदण्ड की आधी धनराशि पीड़िता को प्रदान की जाएगी।