सुदर्शन क्रिया कराई गई योग प्रशिक्षण के लिए आये विशेषज्ञ प्रीतम माहिच, गौरव सिंह चौहान, आस्था टंडन और कृतिका जैन ने छात्रों को छह दिन तक प्राणायाम, सुदर्शन क्रिया, पद्मासन, वज्रासन आदि सिखाये गए। उन्होंने छात्रों को नेतृत्व क्षमता, सकारात्मक सोच के साथ जीवन में कैसे आगे बढ़ें, इसके बारे में बताया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को सिखाया गया कि कैसे वो अपना आत्मविश्वास बढ़ायें और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें। विभिन सत्रों में छात्रों को टाइम मैनेजमेंट सिखाया गया। इसके साथ ही आर्ट ऑफ़ लिविंग के इन विशेषज्ञों द्वारा सुदर्शन क्रिया सिखायी गयी। उन्होंने बताया कि सुदर्शन क्रिया से शरीर स्वस्थ रहता है। स्वयं के प्रति अच्छी समझ विकसित होती है। मानसिक स्तर पर नियंत्रण कर सकते हैं। निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
विशिष्ट स्टूडेंट्स को बांटे प्रमाण पत्र इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. शिव कुमार कटियार ने छात्रों को बताया कि पढ़ाई के साथ- साथ छात्र इन सभी अभ्यासों को नियमित जीवन में शामिल करें ताकि वे अपने कार्य को और प्रभावी तरीके से कर सकें। इसके पश्चात् आर्ट ऑफ़ लिविंग संस्था द्वारा विशेष ८ छात्रों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए। कार्यक्रम के समन्वयक विजय कुमार वर्मा ने छात्रों को बताया कि छात्र किसी भी तरह की समस्याओं से निपटने के लिए सजक बनें। अपने मस्तिष्क को इन अभ्यासों से स्वस्थ रखें ताकि वे किसी भी तरह के मानसिक दबाव में न आयें। इस अवसर पर टेकिप ३ के मीडिया समन्वयक राहुल शुक्ला, डा सादिक खान, डॉ नवनीत पाठक, डॉ सौरभ नामदेव, अंजलि श्रीवास्तव, शुभांगी निगम, डॉ लक्ष्मी उपाध्याय समेत अनेक लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ अनुपम व्यास ने किया। बाद में सभी के प्रति आभार डा. विजय वर्मा ने व्यक्त किया।