इस मामले के संबंध में जानकारी देते हुये सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता शारिक इकबाल ने बताया कि घटना 12 नवंबर 2015 की है। तब ग्राम दुरखुरु निवासी शत्रुजीत पुत्र दुर्गा प्रसाद ने थाना गरौठा में तहरीर देते हुए बताया था कि 12 नवंबर को दिन में करीब 11.45 बजे उसका भाई बलवीर खेत से लौट कर अपने घर आ रहा था। तभी रास्ते में गांव के ही रंजीत व कैलाश पुत्र मुरलीधर तथा मुरलीधर पुत्र कलु कुल्हाड़ी व लाठी लेकर आ गए और जान से मारने की नीयत से बलवीर पर कुल्हाड़ियों व लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में बलवीर के सिर, गर्दन एवं शरीर में कई स्थानों पर गंभीर चोटें आईं। तभी वहां से निकल रहे गांव के ही शत्रुजीत व दयाराम ने उन्हें ललकारा तो हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। इसके बाद मरणासन्न अवस्था में बलवीर को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उसे मेडिकल कालेज एवं बाद में ग्वालियर रिफर कर दिया गया।
ये सुनाई गई सजा तहरीर में बताया गया कि रंजीत एवं उसका भाई कैलाश आपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं। तहरीर के आधार पर थाना गरौठा में मुकदमा पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया। साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय ने रंजीत व कैलाश को धारा 307 के अंतर्गत दोषी मानते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास, 10-10 हजार रुपये अर्थदंड, अदा न करने पर छह-छह माह के अतिरिक्त कारावास एवं धारा 506 के तहत दोनों भाइयों को तीन-तीन वर्ष के कारावास, एक-एक हजार रुपये अर्थदंड, अर्थदंड अदा न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। अभियुक्तों द्वारा जमा अर्थदंड में से घायल बलवीर को 50 प्रतिशत धनराशि प्रदान की जाएगी।