डीजीपी की ओर से गाइड लाइन जारी होने के बाद शिक्षण संस्थाओं के प्रमुखों को उनके यहां वीडियो गेम खेलने पर रोक लगाने को कहा गया है। पुलिस महकमे से फरमान आने के बाद शिक्षण संस्थाओं ने अभिभावकों से मार्मिक अपील करनी शुरू कर दी है। इसमें कहा गया है कि बच्चों को स्मार्ट फोन न दिलाएं और न ही इंटरनेट का इस्तेमाल करने दें। उन्हें आउट-डोर गेम खेलने के लिए प्रेरित करें।
सोशल मीडिया के प्रति बरतें सतर्कता
डीजीपी की ओर से जारी सर्कुलर में इस गेम को प्रसारित करने वाले/एडमिनिस्ट्रेटर के संबंध में कानून पर अमल करवाने वाली एजेंसियों को तत्काल रिपोर्ट करने के भी आदेश दिए गए हैं। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे मामलों उचित वैधानिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं। निर्देशों में कहा है कि ‘ब्लू व्हेल’ गेम के एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा सोशल मीडिया के प्रयोग से बच्चों को गेम खेलने के लिए प्रेरित किया जाता है और अंतोगत्वा बच्चों को दिग्भ्रमित कर स्वयं को शारीरिक नुकसान पहुंचाने और आत्महत्या करने के लिए उकसाया जाता है जो काफी चिन्ताजनक है। इसलिए जिलों की पुलिस द्वारा जनसंवाद के जरिए लोगों को इस गेम के खतरे के बारे में जागरूक कर बच्चों को सोशल मीडिया के प्रयोग से सतर्क रहने के लिए प्रेरित किया जाए। स्कूल- कालेज में भी संपर्क कर प्रधानाचार्य और अध्यापकों के जरिए बच्चों को उपरोक्त वीडियो गेम खेलने से प्रतिबंधित किया जाए। अभिभावकों को ऐसे मामले संज्ञान में आने पर बच्चों की काउंसिलिंग करवाने के लिए सलाह दी जाए और गेम के एडमिनिस्ट्रेटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें।
बच्चों को आउट-डोर गेम के लिए करें प्रेरित
पुलिस महकमे से दिशा-निर्देश जारी होने के बाद शिक्षण संस्थाओं ने भी स्टूडेंट्स के अभिभावकों से मार्मिक अपील करनी शुरू कर दी है। यह अपील अभिभावकों को मैसेज करके की जा रही है।
1- अपने बच्चे को स्मार्टफोन देने से बचें, इसके स्थान पर उन्हें सिंपल की-पैड वाला मोबाइल फोन दिलाएं।
2- बच्चों के इंटरनेट इस्मेमाल पर रोक लगाएं और समय-समय पर उनकी surf-history चेक करते रहें।
3- अपने बच्चे को आउटडोर गेम के लिए प्रेरित करें। ये तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
4- बच्चे के अनमोल जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है।