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UP Weather : चक्रवात ने भटकाया मानसून, इस साल कम हो सकती है बारिश

locationझांसीPublished: Jun 10, 2023 05:51:51 am

Submitted by:

Ramnaresh Yadav

UP Weather : चक्रवात के चलते जुलाई तक मानसून आने की संभावना है। इस साल प्री-मानसून भी देरी से आएगा। झांसी और आसपास के जनपदों में बारिश कम होने की संभावना जताई जा रही है।

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झांसी में देर से आएगा मानसून।

UP Weather : आमतौर पर बुंदेलखंड में मानसून जून के महीने में दस्तक दे देता है। इस साल यहां लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। झांसी में शनिवार का अधिकतम तापमान 43 डिग्री और नूतन तापमान 31 डिग्री सेल्सियस रहेगा। अरब सागर में आए चक्रवात ने मानसून की चाल बिगाड़ दी है। जिले में मानसून 20-21 जून से सक्रिय हो जाता है, लेकिन इस बार मानसून भटक गया है। इसके एक पखवाड़े देर से आने के आसार हैं। साथ ही इसके कमजोर होने की भी सम्भावना जतायी जा रही है।
जलवायु में हो रहा परिवर्तन

जलवायु में लगातार परिवर्तन हो रहा है। इस साल न तो अधिक सर्दी पड़ी न ही गर्मी का प्रकोप अधिक हुआ। बारिश भी ऐसे समय पर हुयी, जब उम्मीद नहीं थी। जिले में यह हालात पिछले कई सालों से बन रहे हैं। जिले में 15 जून से प्री- मानसून आता है और 20-21 जून से यह पूरी तरह सक्रिय हो जाता है। मानसून की अवधि सितम्बर तक रहती है।

मानसून की सक्रियता

पिछले कुछ सालों से सितम्बर के बाद भी मानसून की सक्रियता देखी जा रही है। वर्ष 2018 में जून में 41, जुलाई में 291, अगस्त में 272 एवं सितम्बर में 106 मिलीमीटर बारिश हुयी थी। वर्ष 2019 में जून में 44, जुलाई में 137, अगस्त में 137, सितम्बर में सबसे अधिक 164 मिलीमीटर बारिश हुयी। वर्ष 2020 में जून में 63, जुलाई में 128, अगस्त में 181 एवं सितम्बर में 31 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गयी। वर्ष 2021 में जून में 59, जुलाई में 149, अगस्त में 221 एवं सितम्बर में 106 मिलीमीटर बारिश हुयी थी, जबकि अक्टूबर में भी 47 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी थी। वर्ष 2022 में जून में सबसे कम 29 मिलीमीटर, जुलाई में 126 मिलीमीटर, अगस्त में 206 मिलीमीटर व सितम्बर में सबसे अधिक 270 मिलीमीटर बारिश हुयी थी । अक्टूबर में भी 37 मिलीमीटर बारिश हयी थी। जिले में बारिश का वार्षिक औसत 800 से 900 मिलीमीटर (32.65 इंच से 36.73 इंच) है, लेकिन वर्ष 2012 को छोड़कर एक दशक से यहां औसत वर्षा नहीं हुयी।

इस बार कम बारिश की संभावना है

इस बार भी ऐसी ही स्थिति की आशंका जतायी जा रही है। रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक योगेश्वर सिंह के अनुसार इस बार मानसून एक पखवाड़े देर से आने की उम्मीद है। साथ ही इसके कमजोर रहने के भी आसार हैं। प्री- मानसून भी देर से आने की सम्भावना है।
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