नौ सदस्यों का होगा संचालक मंडल यूं तो सहकारी समितियों में बड़ी संख्या में सदस्य होते हैं, लेकिन इनका प्रतिनिधित्व करने के लिए नौ सदस्यों का संचालक मंडल चुना जाता है। यह संचालक मंडल ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। इसके साथ अन्य समितियों में भेजे जाने वाले प्रतिनिधि चुनते हैं, जो आगे की प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं।
कर्जदार हैं, तो कोई काम का नहीं ये चुनाव लोगों की मदद के लिए संचालित होने वाली इन सहकारी समितियों द्वारा जरूरत पड़ने पर ऋण का वितरण किया जाता है। इसके अलावा खाद, बीज भी बतौर कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। सैकड़ों ग्रामीण समिति की मदद से ही खेती करते हैं। उनके समक्ष समय पर ऋण चुकाने की बाध्यता है। अगर किसी सदस्य ने ये ऋण नहीं चुकाया है तो उसके लिए यह चुनाव किसी काम का नहीं है। तय व्यवस्था के अनुसार न तो कर्जदार चुनाव लड़ पाएंगे और न ही वोट डाल पाएंगे।
ये है चुनाव कार्यक्रम सहकारी समितियों के चुनाव की अधिसूचना कार्यक्रम के साथ ही जारी हो गई है। इसके लिए 15 जनवरी को अनंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस सूची पर आने वाली आपत्तियों और दावों के निस्तारण के बाद 19 जनवरी को अंतिम सूची जारी की जाएगी। इसके बाद 20 जनवरी को पूर्वाह्न 10 से शाम 4 बजे तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। नामांकन पत्रों की जांच 22 जनवरी को होगी। 23 जनवरी को नाम वापस लिए जाएंगे और इसी दिन चुनाव चिह्नों का आवंटन होगा। इसके बाद 29 जनवरी को सुबह नौ बजे से अपराह्न 3 बजे तक मतदान होगा। इसी दिन शाम को मतगणना के बाद परिणामों की घोषणा भी की जाएगी।