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World Heart Day: ये हैं हृदय रोग के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

locationझांसीPublished: Sep 29, 2018 10:23:54 pm

Submitted by:

BK Gupta

World Heart Day: ये हैं हृदय रोग के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

world heart day special: symptoms, causes and prevention heart disease

World Heart Day: ये हैं हृदय रोग के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

झांसी। हृदय को शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग के रूप में माना जाता है, क्योंकि आती-जाती सांस की डोर का सीधा जुड़ाव इसी से है। इसलिए जितना अधिक दिल का ख्याल रखेंगे, उतने अधिक समय तक वह साथ निभाएगा। इसके लिए सबसे अधिक जरूरी है कि पूरी ईमानदारी से दिनचर्या का पालन करें। व्यायाम करें। खानपान पर ध्यान दें। चिंता से मुक्त रहें। यह सन्देश दिल की हर धड़कन सभी को देती है। इसके प्रति जनजागरूकता के लिए ही हर साल 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है।
हृदय रोगियों की बढ़ती संख्या चिंताजनक
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डा आरएस वर्मा का कहना है कि हृदय रोगियों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है, जो कि चिंता का विषय है। यह बीमारी अब कम उम्र में ही लोगों में देखने को मिल रही है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग आशाओं के द्वारा घर-घर जाकर 30 साल के ऊपर के सभी लोगों को हाइपरटेंशन और डायबिटीज की स्क्रीनिंग की जा रही है। इसका प्रमुख कारण बदलती लाइफ स्टाइल, जंक फ़ूड, धूम्रपान एवं मादक पदार्थ है। युवा पीढ़ी का झुकाव इस ओर ज्यादा होने के चलते ही यह बीमारी कम उम्र में घेर ले रही है। इस बीमारी से बचने के लिए हर दिन कम से कम 30 मिनट व्यायाम करना बहुत जरुरी है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व हृदय दिवस का आयोजन “माय हार्ट, योर हार्ट” (My Heart, Your Heart) की थीम पर हुआ।
क्या आप जानते हैं :
आपका दिल एक मिनट में 72 बार और 24 घंटे में 100800 बार धड़कता है। इसके अलावा एक दिन में 2000 गैलन खून की पम्पिंग करता है। इसलिए यह शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है।
हृदय रोग के मुख्य कारण :
धूम्रपान, मदिरापान, अजीर्ण, अत्यधिक वसा एवं चिकनाई युक्त भोजन, उच्च रक्तचाप, शरीर में ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्राल, अत्यधिक चिंता और मधुमेह आदि इसके मुख्य कारण हैं।
हृदय रोग के मुख्य लक्षण :
-छाती में बाईं ओर या छाती के बीच में तेज दर्द या दबाव महसूस होना, सांस तेज चलना, पसीना आना, ऐसा लगना कि छाती को किसी ने चारों ओर से बाध दिया हो।
-कभी-कभी छाती की बाईं ओर या बीच में दर्द न होकर शरीर के अन्य भागों जैसे-कंधे, बाएं हाथ, गर्दन के बाएं ओर, नीचे के जबड़े में, कोहनी में या कान के नीचे वाले हिस्से में दर्द होना।
-छाती में दर्द के साथ पेट में जलन, पेट भारी लगना, उल्टी होना और शारीरिक कमजोरी महसूस होना, घबराहट और बेचैनी महसूस करना।
-मधुमेह के रोगियों को दर्द या बिना दर्द के भी हृदय रोग का आघात हो सकता है।
हृदय रोग से कैसे करें बचाव :
-शरीर में ज्यादा चर्बी, अधिक कोलेस्ट्राल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और अत्यंत चिंता से बचें।
-धूम्रपान, मदिरापान, वसा एवं चिकनाई युक्त भोजन से करें परहेज।
-नियमित व्यायाम, आधे घंटे तक टहलना, नियमित दिनचर्या का पालन, संतुलित भोजन, प्रतिदिन 6 से सात घंटे तक की निद्रा और आराम जरूर करें।
यहां किया गया कैंप का आयोजन
नगर में मुक्ता काशी मंच के समीप विश्व हृदय दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में जांच कर रहे फिजियो थैरेपिस्ट दुष्यंत ने बताया कि करीब 400 से अधिक लोगों ने अपने ब्लडप्रेशर और मधुमेह की जांच कराई। वहीं शिविर के माध्यम से लोगों को डायबिटीज, हाइपरटेंशन और स्ट्रोक आदि के बारे में जागरूक भी किया गया।
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