मौके पर पहुंचे एसडीएम मुरारीलाल शर्मा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम दत्त जाट, जिला शिक्षा अधिकारी अमर सिंह, सीबीइओ कालूराम रैगर, बीईईओ नाहरसिंह, सीआई भगवान सहाय मीणा, नवलगढ तहसीलदार कपिल कुमार, उदयपुरवाटी नायब तहसीलदार जगतसिंह व स्थानीय लोगों ने साढे तीन घंटे तक समझाइस की। लेकिन छात्र छात्राएं अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद स्कूल प्रशासन की ओर से स्कूल का ताला खुलवाने के लिए पन्द्रह छात्र छात्राओं के नाम सहित थानाधिकारी को रिपोर्ट दी। दोपहर डेढ बजे एपीओ प्राचार्य ताराचंद सामोता मौके पर पहुंचे और प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं को स्कूल के गेट के सामने हट जाने की बात कही। प्राचार्य सामोता के कहने के बाद प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राएं स्कूल के गेट से हट गए। जिसके बाद स्कूल के गेट के छात्र छात्राओं द्वारा लगाया गया ताला तोड़कर स्कूल को खोला गया।
एसडीएम मुरारीलाल शर्मा ने स्कूल के ताला लगाने मामले में एपीओ प्राचार्य ताराचंद सामोता व विद्यालय स्टॉफ की भूमिका संदिग्ध मानते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच व प्रकरण में लिप्त दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर, जिला कलक्टर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक और उदयपुरवाटी थानाधिकारी को रिपोर्ट भेजी है। जिसमें एसडीएम ने लिखा है कि विद्यालय के ताला लगानेे वाले छात्र छात्राओं को उनके द्वारा व शिक्षा विभाग के अधिकारी द्वारा दो दिन तक समझाइस की गई। लेकिन विद्यार्थी अपनी जिद पर अड़े रहे। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा समझाइस में विफल होने पर एपीओ किए गए प्राचार्य ताराचंद सामोता के कहने पर धरना दे रहे छात्र छात्राएं स्कूल के गेट से हट गए। धरना प्रदर्शन कर रहे छात्र छात्राओं के लिए दरी, बिस्तर, रजाई, भोजन की व्यवस्था की गई। साथ ही स्कूल के लगाया गया ताला जो काफी बड़ा था। जिससे बाजार से खरीदा गया। इतना खर्च छात्र छात्राओं द्वारा वहन किया जाना संभव नहीं है।
प्राचार्य के बाद स्कूल की अध्यापिका भी एपीओ
राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक के प्राचार्य ताराचंद सामोता के एपीओ होने के बाद दूसरे दिन स्कूल जीव विज्ञान की व्याख्याता सुभिता जाखड़ को भी एपीओ कर दिया। जिनका भी मुख्यालय निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर रखा गया है। सुभिता जाखड़ को बुधवार को उदयपुरवाटी से रीलीव कर दिया गया। प्राचार्य सामोता व व्याख्याता सुभिता के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा था। जिसके चलते दोनों ने एक दूसरे की शिकायतें कर रखी थी। शिकायतों की जांच के बाद पहले प्राचार्य और फिर व्याख्यता को एपीओ कर दिया गया।
कार्यवाहक प्राचार्य ने की कार्रवाई
अनुशासनहीनता करने पर कार्यवाहक प्राचार्य इब्राहिम शेख ने 12वीं कक्षा के पन्द्रह छात्र छात्राओं को दस दिन के लिए स्कूल से निलंबित कर दिया। दस दिन के बाद छात्र छात्राओं को अभिभावकों के साथ सीबीओ के समक्ष पेश
होना होगा।