अंधेरा होने के कारण शव निकालने में परेशानी हुई। तीनों की पहचान बलरिया गांव निवासी मांगीलाल भोपा तथा उसके बेटे धनेश व बेटी पूनम के रूप में हुई। जानकारी के अनुसार गांव चेलासी का एक व्यक्ति शुक्रवार शाम को डालाना जोहड़ के पास बकरियां चरा रहा था। इस दौरान उसको जोहड़ में तीन शव तैरते हुए दिखाई दिए। इसकी जानकारी उसने गांव के मुनेष सैनी व ग्रामीणों को दी। इस पर ग्रामीण जोहड़ पर पहुंचे।
बाद में इसकी सूचना नवलगढ़ पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने तीनों के शवों को ग्रामीणों की मदद से बाहर निकलवाया। ग्रामीणों ने मृतक की पहचान बलरिया में बसे मांगीलाल भोपा के रूप में की। शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाने के बाद पुलिस मृतक के अन्य परिजनों से जानकारी जुटाने के लिए डूंडलोद के झूपा स्टेण्ड गई। लेकिन वहां पर पुलिस को कोई नहीं मिला।
डूंडलोद में जमा रखा था डेरा
ग्रामीणों ने बताया कि मांगीलाल भोपा गुरुवार को अपने दोनों बच्चों के साथ जोहड़ के निकट बैठा था। उसकी पत्नी करीब दो तीन दिन पूर्व उसको छोड़कर चली गई थी। जोहड़ के पास ही मृतकों की चप्पले भी पड़ी मिली है। इन दिनों मांगीलाल भोपा ने अपना डेरा गांव डूंडलोद के झूपा स्टेण्ड के निकट ही जमा रखा था।
परिवार का कलह बना कारण
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से पति—पत्नी के बीच कलह चल रहा था। संभवत इसकी कलह के कारण उसने जान दे दी। इधर जोहड़ में तीन शव मिलने की सूचना गांव में आग की तरह फैल गई। जानकारी मिलते पर जोहड़ के पास काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। जोहड़ के शव काफी समया से पड़े होने के कारण उनमें दुर्गंध आने लगी।