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अपराध की दुनिया में आने के बाद नौ साल रही अंकुर की जिंदगी

locationझुंझुनूPublished: Aug 01, 2020 10:56:14 pm

हिस्ट्रीशीटर अंकुर के खिलाफ अलग-अलग थानों में 28 मुकदमे दर्ज हैं। उसकी उम्र भी करीब 28 वर्ष थी। ओजटू निवासी अंकुर ने वर्ष 2011 में अपराध की दुनिया में कदम रखा। पिलानी थाने में मारपीट का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद वह इस दलदल से वापस नहीं निकल सका। और वह लगातार अपराध करता चला गया।

अपराध की दुनिया में आने के बाद नौ साल रही अंकुर की जिंदगी

अपराध की दुनिया में आने के बाद नौ साल रही अंकुर की जिंदगी


चिड़ावा. कहते हैं अपराध के क्षेत्र में आने के बाद व्यक्ति की उम्र लम्बी नहीं रहती। झुंझुनूं जिले के ओजटू गांव निवासी अंकुर के साथ भी ऐसा ही हुआ। अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद करीब नौ साल में ही उसकी जिंदगी खत्म हो गई। चिड़ावा थाने के हिस्ट्रीशीटर ओजटू निवासी अंकुर डांगी (28)ने शुक्रवार रात घर में पंखे के हुक से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। हिस्ट्रीशीटर अंकुर के खिलाफ अलग-अलग थानों में 28 मुकदमे दर्ज हैं। उसकी उम्र भी करीब 28 वर्ष थी।
मृतक के बड़े भाई हरिश ने मर्ग दी। जिसमें बताया कि उसका छोटा भाई अंकुर रात करीब दस बजे खाना खाकर कमरे में सो गया। अंकुर की पत्नी बाहर सो रही थी। आधी रात बाद करीब दो बजे अंकुर की पत्नी प्रिया ने कमरे में जाकर देखा तो वह पंखे के हुक से फंदा लगाकर लटका हुआ मिला। जिस पर प्रिया ने घर के अन्य सदस्यों को जानकारी दी। पुलिस को भी सूचित किया गया।
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पुलिस ने शव को राजकीय अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। सुबह परिजनों की मांग पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया। जिसमें डॉ.जितेंद्र यादव, डॉ.देवेंद्र चाहर और डॉ.मनोज जानू आदि शामिल थे। मेडिकल बोर्ड ने भी प्रारंभिक जांच में मौत का कारण आत्महत्या माना है। सीआइ लक्ष्मीनारायण सैनी ने घटनास्थल से जुड़ी जानकारी ली। हैड कांस्टेबल राजेश जांगिड़ ने परिजनों से पर्चा बयान लिए।
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वर्ष 2011 में आया अपराध की दुनिया में

ओजटू निवासी अंकुर ने वर्ष 2011 में अपराध की दुनिया में कदम रखा। पिलानी थाने में मारपीट का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद वह इस दलदल से वापस नहीं निकल सका। और वह लगातार अपराध करता चला गया। जिसके चलते झुंझुनूं के तत्कालीन एसपी ने 24 जून 2015 को ए श्रेणी की हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश दिए।
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अलग-अलग थानों क्षेत्रों में किया अपराध-

अंकुर ने करीब नौ साल तक अपराध किए। उसके खिलाफ 28 मुकदमे दर्ज हुए। जिसमें सबसे ज्यादा चिड़ावा थाने में 14 मुकदमे दर्ज हुए। वहीं पिलानी, कोतवाली झुंझुनूं, सदर झुंझुनूं, मुकुंदगढ़, लुहारू, सूरजगढ़, मदनगंज, अजमेर, मुरलीपुरा थाना जयपुर, बहल व दादरी में ममाला दर्ज है। जिसमें आबकारी अधिनियम, आम्र्स एक्ट, लूट समेत अन्य प्रकार के आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए।
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कुछ दिन से पत्नी से अनबन-

पुलिस के जांच अधिकारी ने बताया कि अंकुर की अपनी पत्नी से कुछ दिनों से अनबन बताई जा रही है। रात को भी अनबन के चलते अंकुर की पत्नी बाहर सो रही थी। हालांकि आत्महत्या के पीछे लोग अलग-अलग कयास लगा रहे हैं। लोगों का कहना है कि अंकुर की गैंग कुछ दिनों से कमजोर पड़ती जा रही थी। जिस कारण भी अंकुर परेशान था।
होती थी मारपीट-

अंकुर की एक युवक तथा थाने के हिस्ट्रीशीटर के बीच लंबे समय से वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी। दोनों ही पक्षों में अक्सर मारपीट होती रहती थी। दो-तीन बार दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर गाड़ी चढ़ाकर हमले भी किए। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामले भी दर्ज करवाए थे। मई 2020 में भी दोनों पक्षों में मारपीट के मुकदमे दर्ज हुए थे।

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