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गलसरी हो या रानीहार, सभी चाहिए हॉलमार्क वाले

locationझुंझुनूPublished: Oct 02, 2021 05:15:22 pm

Submitted by:

Rajesh

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है। केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य करने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी ही बिकेगी।

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झुंझुनूं. शेखावाटी में अब हर ग्राहक हॉलमार्क वाले गहनों की मांग कर रहे हैं। केन्द्र सरकार ने भी सोने में बढ़ती मिलावट की शिकायतों के चलते इसे जरूरी कर दिया है। अब जिले के अधिकांश शोरूम व गहनों के प्रतिष्ठान पर हॉलमार्क वाले गहने ही मिल रहे हैं।
वर्ष 1991 से आभूषण का व्यवसाय कर रहे शिवकरण जानू ने बताया कि पहले भी हाथ से घड़ाई होती थी, अब भी हाथ से घड़ाई वाले आभूषणों की मांग ज्यादा है। पहले फिनिशिंग भी हाथ से होती थी, अब फिनिशिंग मशीनों से होने लगी है। उन्होंने बताया कि जो भी ग्राहक सोने के गहने खरीदें वे पक्का बिल जरूर लें और हॉलमार्क का चिह्न जरूर देखें। पक्के बिल पर तीन फीसदी जीएसटी है जो सबसे कम है। जानू ने बताया कि पहले गहनों के नाम शीशफूल, बोरला, शीशपट्टी, हंसली, सुरलिया, गलसरिया, टेवटा, हमेल, आड, तगड़ी, कमरबंद आदि नाम होते थे, अब नाम तो वे ही हैं, अब उनकी डिजाइन आधुनिक कर दी गई है।
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अब हर माह होती बिक्री
पहले लोग केवल शादी या विशेष अवसरों पर ही सोने के गहने खरीदते थे। पहले आय के स्रोत भी सीमित थे। अब सोने की बिक्री बढ़ रही है। लोग निवेश के लिए भी सोना खरीद रहे हैं। अब नवरात्र से त्योहारी सीजन शुरू हो जाएगी। नवरात्र से गहनों की खरीदारी बढ़ जाएगी।
क्या होता है होलमार्क
हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है। इसके तहत हर स्वर्ण ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है। केन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य करने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी ही बिकेगी। बीआइएस से सर्टिफाइड ज्वैलर अपने ज्वैलरी पर किसी भी निर्धारित हॉलमार्किंग सेंटर से हॉलमार्क हासिल कर सकते हैं। इसका आम उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा फायदा कि है कि वे जो सोने के आभूषण खरीदेंगे, उस पर भरोसा होगा कि जितने कैरेट शुद्धता का बताया जा रहा है उतनी ही शुद्धता का वाकई मिल रहा है।
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