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शादी के बाद एमए व एमएड किया, बिना कोचिंग किए दिन रात मेहनत की, अब झुंझुनूं की श्रम कल्याण अधिकारी

locationझुंझुनूPublished: Mar 08, 2021 11:30:34 pm

Submitted by:

Rajesh

लगातार सात- से आठ घंटे पढाई की। कभी कोचिंग नहीं की। आखिर कड़ी मेहनत व पति के सहयोग से वह दिन भी आया जब सरकारी नौकरी लगनी शुरू हुई। एक के बाद एक अनेक नौकरियां लगी। यह कहना है झुंझुनूं की जिला श्रम कल्याण अधिकारी अरूणा शर्मा का।

शादी के बाद एमए व एमएड किया, बिना कोचिंग किए दिन रात मेहनत की, अब झुंझुनूं की श्रम कल्याण अधिकारी

शादी के बाद एमए व एमएड किया, बिना कोचिंग किए दिन रात मेहनत की, अब झुंझुनूं की श्रम कल्याण अधिकारी

#aruna sharma jhunjhunu
झुंझुनूं. जब मेरी शादी हुई तो ससुराल में परिवार की स्थिति अनुकूल नहीं थी। निर्णय किया पहले परिवार को संभालूंगी। फिर कॅरियर। परिवार के लिए पढ़ाई छोड़ दी। करीब सात साल बाद परिवार में स्थिति अच्छी हुई तो मैं ससुराल बबाई (खेतड़ी) से झुंझुनूं आ गई। फिर वापस पढ़ाई शुरू की। यहां आकर स्वयंपाठी के रूप में लोक प्रशासन से एमए किया। फिर बीएड और एमएड की डिग्री ली। नौकरी के लिए दिन रात मेहनत की। लगातार सात- से आठ घंटे पढाई की। कभी कोचिंग नहीं की। आखिर कड़ी मेहनत व पति के सहयोग से वह दिन भी आया जब सरकारी नौकरी लगनी शुरू हुई। एक के बाद एक अनेक नौकरियां लगी। यह कहना है झुंझुनूं की जिला श्रम कल्याण अधिकारी अरूणा शर्मा का। अरुणा ने बताया कि उसका पीहर सीकर जिले के नीमकाथाना के पास सिरोही गांव में है। वर्ष 2004 में शादी हो गई थी। कुछ ऐसे हाल बने कि परिवार के लिए पढ़ाई छोडऩी पड़ी। सोचा पहले परिवार है, बाद में नौकरी। हालत अनुकूल हुए। वापस वर्ष 2011 से पढ़ाई शुरू की। परिणाम आने शुरू हुए। महिला पर्यवेक्षक में पूरे राजस्थान में दसवीं रैंक आई। इसके बाद राजस्व निरीक्षक में चयन हुआ। इसके बाद स्कूल व्याख्याता में चयन हो गया। कुछ समय स्कूल व्याख्याता भी रही, लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी। अब वह जिला श्रम कल्याण अधिकारी है।
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अरुणा ने बताया कि शादी के करीब सात साल तक पढाई से दूर रहकर वापस कॅरियर बनाना कठिन था, लेकिन मेरे पति रवि कुमार शर्मा ने मेरा पूरा सहयोग किया। उन्हीं की बदौलत मैं वापस कॅरियर बना सकी। उन्होंने बताया कि कोई कार्य कठिन नहीं है। लगातार मेहनत की जाए तो सफलता मिलना तय है। हम छह बहन हैं उनमें चार सरकारी नौकरी कर रही है। खास बात है तीन झुंझुनूं में सरकारी नौकरी कर रही हैं। वहीं एक की सीकर में निजी स्कूल है। जबकि एक अन्य बहन आरजेएस की तैयारी कर रही है।
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