पहला चरण: पांच-पांच ग्राम पंचायत
योजना के पहले चरण में प्रदेश की प्रत्येक पंचायत समिति की पांच-पांच ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है। इसके बाद धीरे-धीरे सभी पंचायतों में यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
क्या होगा फायदा…
ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू होने से मस्टरोल में पारदर्शिता बढ़ेगी। नरेगा की हाजिरी का का रेेकॉर्ड शिकायत होने पर कभी भी आसानी से जांचा जा सकेगा। डेटा एंट्री लगने वाले समय की भी बचत हो सकेगी। इसके अलावा मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान का फायदा भी मिल सकेगा।
ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू होने से मस्टरोल में पारदर्शिता बढ़ेगी। नरेगा की हाजिरी का का रेेकॉर्ड शिकायत होने पर कभी भी आसानी से जांचा जा सकेगा। डेटा एंट्री लगने वाले समय की भी बचत हो सकेगी। इसके अलावा मनरेगा श्रमिकों को समय पर भुगतान का फायदा भी मिल सकेगा।
किस तरह लागू हुआ
-प्रत्येक ग्राम पंचायत में चल रहे मनरेगा कार्यों पर लगाए गए मेट के मोबाइल का रजिस्ट्रेशन नरेगा साफ्ट पीओ लॉगिन से होता है।
-मेट की ओर से रोजाना सुबह 11 बजे से पहले सभी श्रमिकों की उपस्थिति व कार्यस्थल की फोटो एमएमएस के माध्यम से लेकर नरेगा साफ्ट पर अपलोड की जाएगी।
-एमएमएस के माध्यम से श्रमिकों की उपस्थिति पखवाड़े के मध्य से प्रारंभ नहीं की जा सकेगी। पखवाड़ा शुरू होने के समाप्ति तक प्रतिदिन एमएमएस के माध्यम से उपस्थिति दर्ज हो सकेगी।
इनका कहना है….
पहले चरण में प्रत्येक पंचायत समिति की पांच-पांच ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में अन्य ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा। श्रमिकों की हाजिरी लगने से पारदर्शिता आएगी।
महेंद्रसिंह सुरा, एक्सइएन मनरेगा (झुंझुनूं)
पहले चरण में प्रत्येक पंचायत समिति की पांच-पांच ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में अन्य ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा। श्रमिकों की हाजिरी लगने से पारदर्शिता आएगी।
महेंद्रसिंह सुरा, एक्सइएन मनरेगा (झुंझुनूं)