पीएमओ की मानें तो ईएनटी, शिशू रोग, नेत्र रोग, गायनी और निश्चेतन विभाग के अलावा अन्य विभागों के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। बीडीके को मान्यता मिलना जिले के लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है।
यह कार्सेज शुरू होने के बाद अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर 24 घंटे रहेंगे। इससे आपातकालीन विभाग और मजबूत हो जाएगा। अस्पताल में मेडिकल कॉलेज की तरह अध्ययन अध्यापन एवं रिसर्च हो सकेगा। सामान्यत अध्ययन और अध्यापन का कार्य मेडिकल कॉलेज में ही होता है एवं रेजिडेंट डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं। परंतु अब ऐसा बीडीके अस्पताल में भी हो जाएगा।
सभी विभागों में सुविधाओं का विस्तार कर डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कार्सेज शुरू जून-जुलाई में शुरू हो जाएंगे। इससे 27 सीटों को मंजूरी मिली है। नीट, पीजी परीक्षा के परिणाम आने के बाद सीटों का आवंंटन हो जाएगा। अस्पताल को नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन की ओर से मान्यता मिल गई है।
डा. वीडी बाजिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी (बीडीके)