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कुएं पर बैठकर दुल्हन यूं करती रही बॉयफ्रेंड से बातें, देखता रहा पूरा गांव

locationझुंझुनूPublished: May 05, 2018 02:56:06 pm

Submitted by:

vishwanath saini

कुछ बदमाश व पाकिस्तान की पुलिस पहुंचती है जो इन दोनों को चारों और से घेर लेती है तथा यहां पर लड़ाई होती है।

Dulhan

मंडावा. बॉलीवुड को खासा रास आने के बाद अब भोजपुरी फिल्मों को भी मंडावा भाने लगा है। बॉलीवुड की पीके, बजरंगी भाईजान, जब वी मेट, कच्चे धागे, जैसी सुपरहिट फिल्मों की शूटिंग मंडावा में हो चुकी है। अब भोजपूरी फिल्मों के निर्माता-निर्देशकों ने भी मंडावा में फिल्मों की शूटिंग करना शुरू कर दिया है।
शुक्रवार को भोजपुरी फिल्म ‘दुल्हन चाहे पाकिस्तान से’ के कई दृश्यों का मंडावा में फिल्मांकन विभिन्न लोकेशनों पर किया गया।

‘दुल्हन चाहे पाकिस्तान से’ के मुख्य कलाकार प्रदीप चिन्टू पंाडे व अभिनेत्री सुरभी शुक्ला को लेकर डायरेक्टर राजकुमार आर पंाडे के निर्देशन में सीन शूट किए गए। इस दौरान वार्ड चार में सर्राफा कुआं के पास युवक व युवती बैठे हैं। युवती दुल्हन की ड्रेस में है। इस दौरान कुछ बदमाश व पाकिस्तान की पुलिस पहुंचती है जो इन दोनों को चारों और से घेर लेती है तथा यहां पर लड़ाई होती है।
उक्त दृश्य कई प्रकार से शूट किए गए। फिल्म के लाइन प्रोडयुसर श्रवण सैनी व ताराचंद सैनी हैं। लोकेशन इंचार्ज संजय मील है तथा फिल्म के प्रोडक्शन मैनेजर महेश उपाध्याय हैं।

 

 

rahul dev
राहुल देव का इंटरव्यू : मीडिया ही सुपर स्टार बनाता है…

मंडावा. परदा चाहे टेलीविजन का हो या सिनेमा का, उस पर हम सपने गढ़ते है और दर्शक उन ख्वाबों को बड़े चाव से देखते है। उक्त बात कस्बे में राजकुमार पंाडे के निर्देशन में बन रही भोजपुरी फिल्म दुल्हन चाहे पाकिस्तान से की शूटिंग में भाग लेने आए अभिनेता राहुल देव ने पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में कही।
राहुल ने कहा की मुझे 1997 में आई हिन्दी फिल्म दस से पहचान मिली। जिसमें विलेन का किरदार किया था। मेरी स्टाइल को दर्शकों ने पंसद किया, जिसमें मेरी हमेशा से ही तमन्ना रही है की कुछ अलग हट कर भूमिकाएं करूं ताकि दर्शक ज्यादा समय तक मुझे व किरदार को याद रखें।
अभिनय के दौरान कलाकार की नस-नस बोलनी चाहिए। अगर आप किसी किरदार में उतर गए हैं तो जिस्म का कोई हिस्सा, आवाज का कोई कतरा उस करेक्टर से अलग कैसे रहे।

राहुल ने बताया कि मैं कोशिश करता हूं की जो भी करेक्टर प्ले कर रहा हूं उसकी भावनाओं को अपने पूरे शरीर में बहने दूं। राहुल देव इस भोजपुरी फिल्म में भी विलेन का किरदार कर रहे है जो आंतकवादी की भूमिका में नजर आएंगे।
2001 में आई फिल्म चैंपियन के लिए मुकेश को बेस्ट विलेन कलाकार के रूप में फिल्म फेयर अवार्ड से नवाजा गया था। वहीं, फिल्म आशिकी, अशोक, इंडियन, चलो इश्क लड़ाए, आवारा पागल दिवाना, सूर्या, कौन, सुपारी, फुटफाथ, अग्निपथ, बर्दाश्त, इंसान, फाइट क्लब, जीमी, किडनैप, शपथ, एक पहली लीला, ढिशूम सहित बंगाली, कन्नड़, मलयालयम, पंजाबी तेलगू भाषाओं में बनी कई फिल्मों में काम किया।
टीवी सीरियल देवों का देव महादेव, बिग बोस सीजन 10 आदि में भी काम किया। राहुल देव ने बताया कि अभी तक मीडिया ने मेरे साथ ऐसा कुछ नही किया जिस पर तकलीफ हो। उल्टे उसने मुझे प्रात्साहित किया है।
समालोचनाओं से मुझे सोचने, सीखने और आगे बढऩे का स्कोप दिया है। खराब वक्त ने जीना सिखाया तथा मैने महसुस किया है की स्टार-सुपर स्टार मीडिया ही बनाता है।

फिल्में समाज का आईना होती है
सफलता को लेकर में बड़ी-बड़ी बातें नही करना चाहता। देश में फैल रहे भ्रष्टाचार और महिलाओं के साथ बढ़ती दुराचार की घटनाओं से आज हर कोई चिंतित है। इसलिए फिल्मों वालों को दोष देना गलत होगा। जो समाज में घट रहा है वो ही दिखाया जाता है।

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