
बीडीके में जांच में जुटी टीम।
राजस्थान ने झुंझुनूं के राजकीय बीडीके अस्पताल की आपातकालीन इकाई में एक जीवित युवक को मृत घोषित करने के प्रकरण को स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही मानते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर विभाग ने सख्त एक्शन लिया है। साथ ही मामले की विस्तृत जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गयी है। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य गायत्री राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रकरण को बेहद गंभीरता से लेते हुए संयुक्त निदेशक जयपुर जोन डॉ. नरोत्तम शर्मा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी में कांवटिया अस्पताल में मेडिकल जूरिस्ट डॉ. अजय श्रीवास्तव, डॉ. हिम्मत सिंह राठौड़ व ड़ॉ. धीरज वर्मा को शामिल किया गया है। कमेटी को 7 दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
अब सामने आ रहा है कि डॉ. नवनीत मील ने उसका पोस्टमार्टम नियमानुसार किया ही नहीं, बिना चीरफाड़ के ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट बना दी। इसमें डॉ. मील ने अपनी ऑपिनियन तक लिख दी। इसमें मौत का कारण फेंफड़े फेल होना, टीबी, सीओपीडी व अन्य कारण बता दिए। फिलहाल यह सामने नहीं आया कि डॉ. मील ने ऐसा क्यों किया।
रोहिताश जिस मां सेवा संस्थान में रह रहा था, उसके पदाधिकारियों की भूमिका और संस्थान की कार्यप्रणाली को लेकर भी जांच की जा रही है। जिला कलक्टर रामावतार मीणा ने बताया कि मां सेवा संस्थान की जांच के लिए टीम गठित की है। टीम ने शुक्रवार को बगड़ में पहुंचकर जांच की। रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
22 Nov 2024 11:57 pm
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