झुंझुनूं का बेटा बिनोद चौधरी बना नेपाल का सबसे अमीर व्यक्ति
जब हम छोटे थे तो मेरे दादाजी हमें हमारे गांव व यहां के मंदिरों में लाते थे। वे कहते थे बेटा अपनी माटी को मत भूलना। मैं उनके कहने पर मेरे पैतृक गांव चूड़ी अजीतगढ़ में जल्द ही कई करोडों का निवेश करूंगा।

राजेश शर्मा
झुंझुनूं. झुंझुनूं. जिले के बड़े उद्योगपतियों के नाम आते हैं तो सबसे पहले बिडला, डालमिया, खेतान, सिंघानिया, मोरारका का लिया जाता है। लेकिन जिले का एक बेटा ऐसा भी है जो नेपाल के सबसे अमीर व्यक्तियों में शमिल हैं। यह हैं बिनोद चौधरी। झुंझुनूं जिले के मंडावा के निकट चूड़ी अजीतगढ़ गांव निवासी बिनोद चौधरी वर्तमान में नेपाल से सांसद भी हैं।
#binod choudhari nepal
11 फरवरी2021 को परिवार सहित झुंझुनूं आए बिनोद चौधरी ने पत्रिका से विशेष बातचीत में बताया कि जिले ने देश ही नहीं बल्कि विश्व में नाम कमाने वाले अनेक उद्योगपति दिए हैं। मेरे दादाजी सबसे पहले कम उम्र मेें नेपाल गए थे। मेरे पिता का जन्म, मेरे बेटे व मेरे पौतों का जन्म भी वहीं हुआ। मैं नेपालवासी कहलाना ज्यादा पसंद करता हूूं। लेकिन मेरा मन मेरी माटी से जुड़ा हुआ है। जब हम छोटे थे तो मेरे दादाजी हमें हमारे गांव व यहां के मंदिरों में लाते थे। वे कहते थे बेटा अपनी माटी को मत भूलना। मैं उनके कहने पर मेरे पैतृक गांव चूड़ी अजीतगढ़ में जल्द ही कई करोडों का निवेश करूंगा। ताकि यहां के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिले। साथ ही मेरी माटी से भी लगाव बना रहे। गांव में बडा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। यह प्रोजेक्ट अपने आप में सबसे अलग होगा। इसके लिए सरकार से बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि अभी अजमेर जिले में रूपनगढ़ के पास करोडों रुपए का निवेश कर फूड पार्क बनाया है। जैसे हमारा चौधरी ग्रुप वापस अपनी माटी की ओर लौटा है वैसे अन्य बड़े घरानों को भी अपनी माटी को वापस कुछ देना चाहिए। चौधरी के साथ उनकी पत्नी सारिका, तीनों बेटे निर्वाण चौधरी, वरूण चौधरी और राहुल चौधरी तथा परिवार के अन्य सदस्य भी आए हैं। झुंझुनूं आने पर सीए मनीष चौधरी, राजकुमार मोरवाल व अन्य ने उनका स्वागत किया।
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नेपाल व भारत के रिश्ते दिल के....
वर्तमान में भारत व नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि नेपाल व भारत का रिश्ता दिल का है, धर्म का है, व्यापार का है रोटी और बेटी का है। इस रिश्ते को दुनिया की कोई ताकत कमजोर नहीं कर सकती। भारत के लाखों लोग हर वर्ष पशुपतिनाथ के दर्शन करने जाते हैं तो नेपाल के भी श्रद्धालु हर वर्ष चार धाम की यात्रा करने भारत आते हैं।
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ऐसे बने नेपाल के बिजनेस टायकून
पिता के बीमार होने के बाद बिनोद केवल 18 साल की उम्र में कारोबार से जुड़ गए। चौधरी ने 1970 में एक नाइट क्लब शुरू किया, जिसके बाद उन्हें शराब इंपोर्ट करने का लाइसेंस मिल गया। इसके बाद पेपर सेल करने का काम शुरू किया। चौधरी ग्रुप वर्तमान में बीमा, फूड, रियल एस्टेट, रिटेल और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में काम करता है। चौधरी ग्रुप दुनियाभर में 100 से ज्यादा होटल भी चलाता है।
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