मंगलवार रात को सम्पन हुई शादी उस समय चर्चा में आ गई जब दुल्हा बने चंदन जांगिड़ की बरात ऊंटगाड़ों से रवाना हुई। इस दौरान जिले में बारात का थोड़ा हट कर नजारा देखने को मिला। ऊंटगाड़ों सें रवाना हुई बरात मे आगे आगे चल रहे डीजे की धून पर पीछे चल रहे ऊंटगाड़ों में बैठी महिलाए नाचती एवं मंगल गीत गाती हुई चलते देख क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई।
मौजूदा समय में एक तरफ जंहा साधन सम्पन्न परिवार अपने बच्चों की शादी में अनाप शनाप खर्च कर शादी को ऐतिहासिक व बेमिसाल बनाने के लिए अंधाधुंध खर्च कर रहे हैं। कई बार दुल्हा दुल्हन के लिए हेलिकॉप्टर तक का प्रबंध करते है। राजस्थान में तो जैसे हेलीकॉप्टर से बारात ले जाने का प्रचलन इन दिनों जोरों पर है।
वही इस दौर में कुछ परिवार ऐसे भी है जो अपनी व राजस्थान की पुरानी संस्कृति को जीवित रखने का प्रयास करने के लिए उनके यहा होने वाले समारोह में पुरानी संस्कृति दर्शाने वाले कार्यक्रमों को शामिल करते है। ऐसा ही कुछ किया पवन जांगिड़ ने।
दुल्हे के परिवार के मुम्बई प्रवासी सदस्य सज्जन जांगिड़ ने बताया कि राजस्थान की हमारी पुरानी संस्कृति विलुप्त होती जा रही है। संस्कृति को जीवित रखने एवं पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देने और पुरानी परंपराओ को बनाए रखने के लिए ही बारात में ऊंटगाड़ों को ले जाया गया था। उन्होने कहा कि इससे और लोगो को भी अनुकरणीय संदेश मिलेगा और राजस्थान की संस्कृति जीवत रह सकेगी।