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जानिए हरियाणा से खेतड़ी के गांवों तक कैसे पहुंचा नहर का पानी

locationझुंझुनूPublished: Oct 19, 2021 10:29:28 pm

Submitted by:

Rajesh

नदी के एक तरफ हरियाणा है तो दूसरी तरफ झुंझुनूं जिले के गांव। अब नदी में नियमित पानी आने से हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान की सीमा के गांवों का भी भूजल स्तर बढऩे लगा है। योजना से झुंझुनूं जिले में इस नदी के किनारे बसे गांव ढोसी, ठाठवाड़ी, मुकंदपुरा, शिमला, दूधवा, गौरीर व दलोता आदि के किसानों को लाभ मिलने लगा है।

जानिए हरियाणा से खेतड़ी के गांवों तक कैसे पहुंचा नहर का पानी

जानिए हरियाणा से खेतड़ी के गांवों तक कैसे पहुंचा नहर का पानी

#Canal water reached Khetri

झुंझुनूं/नारनौल. हरियाणा की नहरों का बचा हुआ पानी नदी के माध्यम से झुंझुनूं जिले के गांवों की सीमा तक पहुंच गया है। इससे गांवों में जलस्तर बढऩे लग गया है। जो कुएं सूखे थे, वे भी लबालब होने लगे हैं। पांच साल से सूखे ट्यूबवैलों में पानी आने लग गया है।
हरियाणा सरकार ने गांव हमीदपुर के पास दोहान नदी पर बने पुराने बांध को नहरी पानी से भर दिया है। भूजल को रिचार्ज करने के उद्देश्य से इसी बांध से नदी के विपरीत दिशा में 15 से 25 फीट गहरी व 7 किलोमीटर लम्बी नहर बनाई गई है। पिछले करीब डेढ माह से प्रतिदिन लगभग 15 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

#Canal water reached Khetri
झुंझुनूं को ऐसे मिला फायदा


यह योजना है तो मूल रूप से हरियाणा के गांवों के लिए है। लेकिन यह नदी हरियाणा और राजस्थान की सीमा बनाती है। नदी के एक तरफ हरियाणा है तो दूसरी तरफ झुंझुनूं जिले के गांव। अब नदी में नियमित पानी आने से हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान की सीमा के गांवों का भी भूजल स्तर बढऩे लगा है। योजना से हरियाणा के गांव हमीदपुर, भांखरी, दोचाना, बदोपुर, खटोटी कला, खटोटी खुर्द, कुलताजपुर, गोद, बलाहा, रामबास, रधुनाथपुरा व थाना आदि गांवों को फायदा हुआ है। झुंझुनूं जिले में इस नदी के किनारे बसे गांव ढोसी, ठाठवाड़ी, मुकंदपुरा, शिमला, दूधवा, गौरीर व दलोता आदि के किसानों को लाभ मिलने लगा है।


#Canal water reached Khetri
खेतड़ी में पिछले दस वर्ष में बरसात/एमएम में
2011 647
2012 519
2013 640
2014 490
2015 521
2016 697
2017 262
2018 568
2019 633
2020 489



एक फायदा यह भी

इस नदी में पहले जमकर अवैध खनन होता था। इसमें 200 फीट से भी गहरे गड्ढे बजरी के खनन के कारण हो गए थे। अब यही गड्ढे पानी की झील बन गए हैं। पानी आने के कारण इनमें अवैध खनन भी रुक गया है।


राजस्थान की सरकारें दिखाती रही सपने
झुंझुनूं में नहर का पानी कई वर्षों से चुनावों में प्रमुख मुद्दा रहा है। चुनाव आते ही दोनों दल नहर के सपने दिखाने शुरू कर देते हैं। कोई दावा करता है यमुना का पानी ताजेवाला हेड से आएगा तो कोई कहता है यह पानी पाइप से लाया जाएगा। लेकिन धरातल पर राजस्थान सरकार के प्रयास से एक बूंद भी पानी झुंझुनूं जिले की धरती पर नहीं आया।


इनका कहना है

हरियाणा सरकार की योजना है कि पानी व्यर्थ नहीं जाए। नहर का पानी बच जाए तो दोहान नदी में डाल दिया जाए ताकि भूजल स्तर बढ़ जाए। इसी योजना के तहत नदी में कच्ची नहर बनाई गई है। इससे जल स्तर बढऩे लगेगा। असली फायदे छह माह बाद नजर आने लगेंगे।
-डॉ अभय ङ्क्षसह यादव, विधायक नांगल चौधरी(हरियाणा)


इनका कहना है

आस-पास के गांवों के कुएं सूख चुके थे। 1300 फीट तक बोर करने के बाद भी पानी नहीं आ रहा था। लेकिन हरियाणा क्षेत्र में दोहान नदी में नहरी पानी डालने से अब लगभग हर कुएं में पानी आ गया है। इससे किसानों को नई उम्मीद बंधी है।
डा. किशोरी लाल, सरपंच गांव ठाठवाड़ी, खेतड़ी।


हरियाणा सीमा से आए नहर के पानी से शिमला व आस-पास के क्षेत्रों में जलस्तर बढा है। जो कुएं सूख गए थे, वे भी भरने लगे हैं। अब अच्छी खेती होगी।
-धर्मेन्द्र यादव, पूर्व सरपंच शिमला

जादूपुर से रामबास तक राजस्थान सीमा में कच्ची नहर में हरियाणा द्वारा पानी छोडऩे से सीमावर्ती क्षेत्रों के नलकूपों में जलस्तर बढा है जो नलकूप आधे घंटे चलते थे वे अब एक घंटे चलने लगे हैं।
-सुरेश जोशी, ग्रामीण ठाठवाड़ी

पानी तो हरियाणा की सीमा में आ रहा है। लेकिन इसका फायदा ठाठवाड़ी, मुकंदपुरा, दलोता, शिमला, गोरीर के गांवों को हो रहा है।
– बाबूलाल यादव, ग्रामीण ठाठवाड़ी


पिछले दस वर्ष से खेती नहीं कर रहे थे। अब अनेक किसान सरसों, चने की बुवाई कर रहे हैं। अनेक गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं।
-बजरंगलाल यादव, ग्रामीण शिमला

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