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शेखावाटी में फिर घटने लगी बेटियां

locationझुंझुनूPublished: Feb 12, 2020 04:05:50 pm

शेखावाटी में जारी लिंगानुपात के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो चूरू तीसरे नंबर पर आ गया है। यहां पर अन्य वर्षों की तुलना में बेटियों की जन्मदर में कमी आ गई है। चूरू में 2018 में लिंगानुपात 992 था जो 2019 में 30 अंकों की गिरावट के साथ 960 हो गया। यानि यहां पर एक साल में 30 लड़कियां कम पैदा हुई। इसी तरह यदि सीकर जिले की बात की जाए तो 2018 लिंगानुपात 958 था और दस अंकों की गिरावट के साथ 2019 में यह घटकर 948 हो गया है। बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने में रिकॉर्ड बनाने वाले झुंझुनूं जिले में 2018 में लिंगान

शेखावाटी में फिर घटने लगी बेटियां

शेखावाटी में फिर घटने लगी बेटियां

झुंझुनूं. प्रदेश के कई जिलों में फिर से डगमगाए लिंगानुपात ने समाज की चिंता बढ़ा दी है। शिक्षा, चिकित्सा, सेना समेत विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी रहने वाले शेखावाटी का लिंगानुपात गड़बड़ाने लगा है। शेखावाटी में जारी लिंगानुपात के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो चूरू तीसरे नंबर पर आ गया है। यहां पर अन्य वर्षों की तुलना में बेटियों की जन्मदर में कमी आ गई है। चूरू में 2018 में लिंगानुपात 992 था जो 2019 में 30 अंकों की गिरावट के साथ 960 हो गया। यानि यहां पर एक साल में 30 लड़कियां कम पैदा हुई। इसी तरह यदि सीकर जिले की बात की जाए तो 2018 लिंगानुपात 958 था और दस अंकों की गिरावट के साथ 2019 में यह घटकर 948 हो गया है। बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने में रिकॉर्ड बनाने वाले झुंझुनूं जिले में 2018 में लिंगानुपात 943 था जो चार अंकों की गिरावट के साथ 939 पर पहुंच गया।शेखावाटी में डगमगाए लिंगानुपात ने हर वर्ग की चिंता को बढ़ा दिया है। झुंझुनूं में वर्ष 2018 में 13 लाख 55 हजार 48 6 बच्चे पैदा हुए थे, जिनमें 6 लाख 95 हजार 944 लड़के व 6 लाख 59 हजार 542 लड़किया पैदा हुई थी।अर्थात 36 हजार 402 बेटियां लड़कों से कम पैदा हुई थी। इसी तरह वर्ष 2019 में कुल 13 लाख 70 हजार 6 93 बच्चे पैदा हुए, जिनमें 7 लाख 4 हजार 15 लड़के व 6 लाख 6 6 हजार 6 78 बेटियां पैदा हुई अर्थात 37 हजार 337 बेटियां कम पैदा हुई। वर्ष 2018 में प्रतिदिन 100 बेटियां कम पैदा हुई थी, वही वर्ष 2019 में प्रतिदिन 102 बेटियां कम पैदा हुई है।
टोंक में सबसे ज्यादा गिरावट
प्रदेश में टोंक जिला ऐसा है जहां पर सबसे ज्यादा गिरावट आई है। वर्ष 2018 की बजाय वर्ष 2019 में टोंक जिले में सबसे अधिक 6 5 अंकों की गिरावट आई है। टोंक जिले में बेटियां की संख्या में गत वर्ष की तुलना में भारी कमी आई है। वर्ष 2018 में जीवित शिशु जन्म दर के अनुसार बालिका लिंगानुपात 956 था जबकि वर्ष 2019 में बालिका लिंगानुपात 8 91 है। वर्ष 2018 में टोंक जिले में 13252 लड़के व 126 75 लड़किया पैदा हुई थी, जबकि वर्ष 2019 में 13232 लड़कों की तुलना में 11793 लड़कियां पैदा हुई है। राज्य में सबसे अधिक गिरावट टोंक जिले में ही दर्ज की गई है।
अन्य जिलों की स्थिति
करौली में 16 , हनुमानगढ़ में 12, दौसा में 14, बारां में 11, धौलपुर में 10, सिरोही में 14 अंकों समेत 18 जिलों में गिरावट रही। श्रीगंगानगर जिले में वर्ष 2018 व 2019 में 937 अंक ही रहा है।
इन जिलों में हुई बढ़ोतरी
सबसे अधिक वृद्धि करने वाले जिलों में जैसलमेर व सवाईमाधोपुर जिले हैं। जहां दोनों ही जिलों में 23 अंकों की वृद्धि हुई है। जैसलमेर में वर्ष 2018 में 936 अंक थे जो बढ़कर 959 हो गए हैं। वही सवाई माधोपुर में 23 अंक बढ़े हैं, जहां 905 से बढ़कर 928 अंक हुए है। दूसरे स्थान पर बीकानेर में 21 अंकों की वृद्धि हुई है, वर्ष 2018 में 953 था जो वर्ष 2019 में बढ़कर 974 हो गया है। इसी तरह तीसरे स्थान पर प्रतापगढ़ में 19 अंकों की वृद्धि हुई है।

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