एसडीएम सुरेंद्र यादव को गड़बड़ी का पता चलने पर उन्होंने अपने स्टाफ के कर्मचारियों को इस बारे में पूछा। बाद में आइडी के आधार पर इमित्र संचालक सुनील को बुलाकर पूछताछ की। इस पर सुनील ने एसडीएम को बताया कि पूर्व में इसी कार्यालय में अनुबंध पर काम करने वाले इमरान ने उसे आइडी व पासवर्ड बताए हैं। एसडीएम ने इमरान को कार्यालय बुला लिया तथा सुनील के सामने ही पूछताछ की तो सुनील अपनी बात से मुकर गया तथा कहा कि उसे लिपिक योगेश ने जानकारी दी। इस पर योगेश को बुलाकार उसके सामने पूछताछ की, तो सुनील ने योगेश के सामने ही उस पर आइडी व पासवर्ड देने की बात स्वीकारी तथा अपना उक्त बयान एसडीएम को लिखित में भी दिया।
एसडीएम सुरेंद्र यादव ने इमित्र संचालक सुनील कुमार की ओर से अनाधिकृत रूप से खाद्य सुरक्षा के फार्मांे को ऑनलाइन करने वाली आइडी को निरस्त करने की रिपोर्ट जिला कलक्टर को भेजी है। जिस पर कार्रवाई की जा रही है।
इधर, दोनो आइडी से ऑनलाइन किए गए फार्मों के रेकॉर्ड भी जयपुर से आने शुरू हो गए हैं। गुरुवार शाम तक करीब 53 फार्मों के रेकॉर्ड एसडीएम कार्यालय में आ चुके हैं।वहीं एक आइडी से ऑनलाइन किए गए 29 फार्मों की जांच की जा रही है।
पुलिस ने इमित्र संचालक सुनील को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।बाद में उसे जेल भेज दिया गया। वहीं योगेश को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। पुलिस ने बताया कि जांच की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
दोनों आइडी से ऑनलाइन किए गए फार्मों की जांच के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया है। पंचायत समिति की प्रोग्रामर दीपा देवड़ा की अध्यक्षता में गठित टीम में सूचना सहायक अरविंद मील, विजय टेलर व कनिष्ठ लिपिक सुनील कुमार को शामिल किया गया है। उक्त टीम सात दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।