डॉ जितेन्द्र सिंह
डॉ जितेन्द्र सिंह खेतड़ी से पांचवीं बार विधायक हैं। वे खुलकर गहलोत के साथ हैं। रविवार रात को हुई बैठक में भी गहलोत के साथ थे। सोमवार को भी गहलोत के साथ रहे। पिछली सरकार में उनको उच्च शिक्षा, जलदाय, ऊर्जा व जनसम्पर्क सहित कई महत्वपूर्ण विभाग देकर काबिना मंत्री बनाया गया था।
नवलगढ़ से लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। सबसे पहले बसपा से जीते। पहली ही बार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने। विभाग के सभी महत्वपूर्ण कार्य इन्हीं के निर्णय से होते थे। बसपा के सभी विधायकों को कांग्रेस में लेकर आए थे। इस कारण सबसे महत्वपूर्ण विभाग दिया गया। फिर दूसरी बार कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय जीत गए। अब कांग्रेस से विधायक हैं। गहलोत के साथ हैं।
बृजेन्द्र ओला
झुंझुनूं से कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीसरी बार जीते हैं। पहली बार केन्द्र की दखल पर सैनिक कल्याण, इंदिरा गांधी नहर तथा आपदा राहत राज्य मंत्री बने। गहलोत शुरू से ही ओला परिवार के करीबी नहीं माने जाते। बृजेन्द्र ओला ने अपना सरकारी आवास भी पायलट को दिया, लेकिन मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। सचिन भी ज्यादा पैरवी दौसा व अजमेर के विधायकों की करते रहे।
राजेन्द्र सिंह गुढा
उदयपुरवाटी से दूसरी बार विधायक बने। अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। दोनों बार बसपा से जीते, लेकिन कांग्रेस में शामिल हो गए। एक बार राज्य मंत्री रह चुके। गहलोत गुट के हैं। गहलोत के पक्ष में खुलकर बोलते हैं।
रीटा चौधरी
मंडावा से दूसरी बार विधायक बनी है। इनके पिता रामनारायण चौधरी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व कई बार मंत्री रह चुके। पहली बार जीतने के बावजूद कांग्रेस ने दुबारा रीटा का टिकट काटकर मंडावा से तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष डॉ चंद्रभान को टिकट दे दिया। रीटा ने बागी होकर चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रही। अगले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। अब उप चुनाव में फिर कांग्रेस ने टिकट दिया और भारी मतों से जीत हांसिल की। जिले की एक मात्र महिला विधायक है। रीटा को गहलोत गुट की माना जाता है। सोमवार को भी गहलोत की मीटिंग में मौजूद रही।
जेपी चंदेलिया
पिलानी से पहली बार विधायक बने हैं। पहला चुनाव निर्दलीय लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। रिटायर्ड आइएएस हैं। गहलोत गुट के हैं।
पिछली गहलोत सरकार में 4 मंत्री
डॉ जितेन्द्रङ्क्षसह, डॉ राजकुमार शर्मा, बृजेन्द्र ओला, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा मंत्री थे।