झुंझुनूं. लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम के विशेष न्यायाधीश सुकेश कुमार जैन ने नाबालिग से एक से अधिक बार बलात्कार करने के मामले में सुशील कुमार उर्फ सुनील मेघवाल निवासी मंड्रेला जिला झुंझुनूं को दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट में 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा व एक हजार रुपए जुर्माना से दण्डादिष्ट किया है।
मामले के अनुसार एक जने ने पुलिस थाना नवलगढ़ पर एक रिपोर्ट दी कि 24 जुलाई 2016 की रात्रि को 12 बजे के बाद से उसकी पुत्री को सुशील कुमार उर्फ सुनील भगा कर ले गया है। जांच के बाद सुशील कुमार उर्फ सुनील के विरूद्ध बलात्कार, पोक्सो एक्ट आदि में सम्बन्धित न्यायालय में आरोप पत्र पेश कर दिया। राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिंह ने न्यायालय में इस मामले में 13 गवाहान के बयान करवाए व 26 दस्तावेज प्रदर्शित कराए गए। विशिष्ट लोक अभियोजक लोकेन्द्र सिहं ने न्यायालय में तर्क दिया कि इस मामले में नाबालिग से एक से अधिक बार बलात्कार किया गया है तथा पोक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत ऐसे मामलो में न्यूनतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है। अत: आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाए। न्यायाधीश ने आरोपी सुशील कुमार उर्फ सुनील को सजा सुनाई।
सहायक अभियंता आरपी बुडानिया निलंबित
झुंझुनूं. झुंझुनूं शहर के मणि विहार स्थित 132 केवी जीएसएस पर गत दिनों मरम्मत का कार्य करते समय पिछले दिनों हुए हादसे के बाद बिजली निगम ने सहायक अभियंता आरपी बुडानिया को निलंबित किया है। बिजली निगम बबाई के अधीक्षण अभियंता जीएन मिश्रा ने बताया कि उक्त मामले में सहायक अभियंता आरपी बुडानिया को निलंबित किया गया है। उल्लेखनीय है कि उक्त जीएसएस पर सात अगस्त को सुबह झुंझुनूं निवासी तकनीकी सहायक विकास सैनी व जेइएन प्रदीप प्रकाश मरम्मत का कार्य कर रहे थे। इस दौरान करंट लगने से दोनों झुलस गए। जिन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान शनिवार रात विकास सैनी की मौत हो गई।