वर्ष 1985 में उनका चयन राजस्थान प्रशासनिक सेवा में हुआ।यहां करीब तीन वर्ष तक नौकरी की, लेकिन सपना बड़ा था। ड्यूटी के बाद पढ़ाई जारी रखी। इसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा अलाइड में उनका चयन हुआ, लेकिन सपना आइपीएस बनना था। सपने के लिए नियमित मेहनत जारी रखी। आखिर में वर्ष 1989 में वह दिन भी आया जब उनकी वर्दी पर आईपीएस लिखा गया। भारतीय पुलिस सेवा में आने के बाद उनको केन्द्र शासित प्रदेश का कैडर मिला। वे दिल्ली, अंडमान निकोबार, पुड्डूचेरी व गोवा व अन्य जगह रहे।
शांति मिशन में भी रह चुके
कृष्णिया वर्ष 1997 में वे संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति मिशन में एक वर्ष तक बोस्निया में रहे। श्रेष्ठ कार्य के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से भी सम्मानित हो चुके।
पाक में क्रिकेट टीम की सुरक्षा
जिस वर्ष वीरेन्द्र सहवाग ने पाकिस्तान के मुल्तान में शानदार पारी खेली थी, उस वर्ष भारत सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम की सुरक्षा के लिए कृष्णिया को पाकिस्तान साथ भेजा था। वहां उन्होंने टीम की सुरक्षा व्यवस्था संभाली थी। उनके भाई सत्यवीर कृष्णिया ने बताया कि उनके पिता गुलझारी सिंह कृष्णिया रिटायर्ड शिक्षक हैं।