ऐसे काम करेंगे नए मीटर
पीजो मीटर के ऊपर विशेष डिजीटल मीटर लगाया गया है। इसमें एक चिप, बैट्री व अन्य उपकरण लगाए गए हैं। यह पूर्णत स्वचालित है। इसके माध्यम से दिन में दो बार भूजल का स्तर नापा जाएगा। दोपहर में बारह बजे और रात बारह बजे यह उपकरण सीधे सैटेलाइट को भूजल के आंकड़े भेजेंगे। वहां से आंकड़े दिल्ली स्थित जल शक्ति मंत्रालय के मुख्यालय की वेबसाइट पर अपने आप पहुंचे जाएंगे। इन आंकड़ों के आधार पर ही भूजल आंकलन की रिपोर्ट तैयारी की जाएगी। इसी के आधार पर क्षेत्र के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी।
जिले में पीजो मीटर 109
डिजीटल लगाए 2
डिजीटल लगाएंगे 44 बरसात का सच
वर्ष एमएम
2016 543.50
2017 329.88
2018 470.50
2019 683.88
2020 410.13
--------------------- झुंझुनूं व सीकर के हाल खराब
केन्द्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011 व 2021 की औसत तुलना में भूजल स्तर में काफी गिरावट आई है। झुंझुनूं के आठ प्रतिशत कुओं में जल स्तर बढ़ा है जबकि 92 फीसदी में कमी आई है। सीकर में 21 प्रतिशत कुओं का जल स्तर बढ़ा है जबकि 79 फीसदी कुओं का जल स्तर गिरा है। वहीं चूरू के हाल चिंताजनक नहीं हैं। वहां पिछले दस साल में 57 फीसदी कुओं का जल स्तर बढ़ा है जबकि 43 फीसदी कुओं का जल स्तर गिरा है।
इनका कहना है
प्रायोगिक तौर पर अलससीर व आबूसर में डिजीटल वाटर लेवल रेकॉर्डर लगाए गए थे। इनकी सफलता के बाद अब खेतड़ी में 44 स्थानों पर डिजीटल वाटर लेवल रिकॉर्डर लगाए जाएंगे। इनसे दिन में दो बार भूजल के आंकड़े अपने आप आ जाएंगे।
-राजेश पारीक, भूजल वैज्ञानिक झुंझुनूं