अधिकतर औषधियांं औषधालय में ही तैयार की जाती है। इसके लिए दो कर्मचारी अलग से कार्यरत हैं। इनके अलावा भी पर्ची काटने वाले व अन्य कर्मचारी यहां कार्यरत हैं। औषधालय की विशेषता यह है कि इसमें किसी विशेष बीमारी का ही इलाज नहीं किया जाता अपितु हर प्रकार की शारीरिक बीमारी का इलाज यहां उपलब्ध है। यहां दूर-दूर से आंत्रिक ज्वर (मोतीझरा) अपस्मार (मिर्गी) लकवा, पीलिया जैसी घातक बीमारियों का इलाज कराने के लिए भी रोगी आते हैं।
प्रतिवर्ष लगभग 60 हजार रोगी औषधालय से लाभान्वित होते है, यहां स्थानीय एवं आस-पास के ग्रामीण अंचलों में रोगियों के अलावा हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, महाराष्ट्र एवं असम तक के रोगी भी इलाज के लिए पहुंचते हैं।
यह औषधालय कई सालों से चल रहा है। लोग इसका भरपूर फायदा भी उठा रहे हैं। अच्छी सोच के साथ शुरू किए गए ऐसे धर्मार्थ एवं परोपकारी कार्य से जनता को आयुर्वेद के जरिए स्वास्थ्य लाभ भी मिल रहा है।
डॉ. शैलेश कुमार (बीसीएमओ) सूरजगढ़