दरअसल, काकड़ा, खांदवा, निम्बास, कुहाड़वास, बड़बर, थली, सुलताना अहीरान, घसेड़ा, बुहाना सहित अन्य उप बिजली घरों के तहत आने वाले गांवों में पारी के हिसाब से रात में बिजली आपूर्ति की जा रही है, जो किसान के लिए किसी सजा से कम नहीं है। यही कारण है कि फसल पैदावार करने के लिए किसानों को कड़ाके की ठंड में खेत में पानी देना पड़ता है। जानकारी के अनुसार अजमेर विद्युत वितरण निगम की ओर से फसल पैदावार के लिए रात्रि के समय थ्री फेस बिजली आपूर्ति की जा रही है।
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कोटा में गोल्ड लोन कम्पनी में दिनदहाड़े डकैती, 45 मिनट में ले उड़े 25 किलो सोना इतने घंटे मिलती है बिजली- कृषि आधारित उपखंड में करीब तीन हजार चालू कृषि कनेक्शन है। किसानों को पांच से छ: घंटे बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। रात्रि पारी में किसान को कड़ाके की ठंड़ में फसल में पानी देना पड़ता है। रात्रि की पारी में बिजली ट्रिपिंग भी किसान के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। बार-बार की ट्रिपिंग आने से किसान असहाय बना हुआ है। ट्रिपिंग आने से किसान की समस्या और बढ़ जाती है। रात्रि को बिजली आपूर्ति होने से किसानों को ठंड़ में काफी परेशानी हो रही है।
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