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मंड्रेला की परमेश्वरी बोली- 8 साल बाद बेटा मिला अब हो रही छीनने की साजिश, तो रोहित ने कहा…

locationझुंझुनूPublished: Jan 09, 2018 08:11:26 pm

समिति के समक्ष पेश होने से पहले महिला बेटे से दूर करने की साजिश बताते हुए फफक-फफक कर रो पड़ी।

mandrella rohit missing case
झुंझुनूं। अब तक अपने को मंड्रेला के दंपती का खोया हुआ बेटा बताने वाले रोहित ने मंगलवार को सिरसा के गांव मीरपुर कॉलोनी एयर फोर्स स्टेशन निवासी रोशनलाल को पिता और साथ आई महिला की पहचान मां के रूप में की। उनके साथ आए छोटे बच्चे को नाम से पुकारते हुए कहा ये तो मेरा छोटा भाई मनोज है। इधर, रोहित ने बताया कि उसकी मां पंजाब के एक फिल्म निर्माता के घर काम करती है। ऐसे में मां के साथ आना-जाना लगा रहता है, फिल्मों की कहानियां सुनकर उसने पूरा प्लान तैयार कर लिया।
दूसरी तरफ मंड्रेला निवासी परमेश्वरी ने रोहित को 8 साल पहले खोया बेटा होने का दावा किया। वहीं समिति के समक्ष पेश होने से पहले महिला बेटे से दूर करने की साजिश बताते हुए फफक-फफक कर रो पड़ी। उसका तर्क था कि रोहित ने घर आने के बाद सबको पहचान लिया था। हालांकि अब डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि असली मां-बाप कौन हैं। रिपोर्ट नहीं आने तक समिति की निगरानी में रोहित को रखा जाएगा।
पहले भी कई बार भाग चुका है रोहित-

रोहित को अपना बेटा बताने का दावा करने वाले सिरसा निवासी रोशनलाल ने बताया कि पहला मौका नहीं है कि जब रोहित घर से भागा हो, पहले भी कई बार ऐसा कर चुका है।लेकिन हर बार उसे ढूंढ़कर घर लाया जाता है।
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पांचवीं का छात्र है रोहित-

रोशनलाल ने बताया कि रोहित सिरसा के सरकारी स्कूल में कक्षा पांचवीं का छात्र हैं। स्कूल से भागने के कारण अध्यापक भी कई बार इसका उलाहना दे चुके हैं। अपना पक्ष मजबूत करने के लिए आधार कार्ड की प्रति, स्कूल की मार्कशीट के अलावा पहले परिवार के साथ खिंचवाया हुआ फोटो भी उसने पेश किया।
पहले बताया सौतेली मां, फिर झुका लिया सिर-

समिति की ओर से पूछने पर रोहित की ओर से हर बार नई कहानियां सुनाई जाती रही। घर से भागने का कारण पहले उसने मां को सौतेली होने और आए दिन मारपीट कर परेशान करना कारण बताया। हालांकि महिला ने उसे स्वयं का पुत्र बताते हुए कहानी झूठी बताई, तो रोहित ने भी इसकी पुष्ठि की। और सिर झुकाकर खड़ा रहा।
गुम हुए थे मासूम-

गौरतलब है कि आठ साल पहले जून 2009 में दो मासूम बालक रोहित भार्गव (5) और गौरव निर्वाण गुम हो गए थे। काफी तलाश के बाद में भी उनका कोई सुराग नहीं लगा।एसओजी भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई थी। लेकिन एक दिन अचानक नवंबर 2017 में रोहित भार्गव के परिवार से बबलू भार्गव अपने ससुराल भटिंडा गया था। सिरसा रेलवे स्टेशन पर उसे अपने परिवार में गुम हुए रोहित के शक्ल का बच्चा मिला। शक्ल सूरत मिलने और रेलवे स्टेशन पर लावारिस मिलने पर पुलिस को सूचित कर उक्त बच्चे को बबलू भार्गव मण्ड्रेला ले आया। थाने में उसे परिजनों और अन्य जानकारों ने पहचान लिया। तब से बच्चा महेन्द्र भार्गव के घर ही रह रहा था।
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पोस्टर लगे देख संदेह-

थानाधिकारी बजरंगलाल मीणा ने बताया कि सिरसा थाने में 28 अक्टूबर बालक के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज है। इसके अलावा जगह-जगह गुमशुदगी के पंपलेट लगे हुए हैं। जबकि पुलिस के बालक की फोटो दिखाने पर माता-पिता ने इसे पहचान लिया है।
इनका कहना है…

मामले को लेकर जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा सुमन पूनिया का कहना है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही खुलासा होगा, कि रोहित किसका बेटा है, तब तक वो समिति की निगरानी में रहेगा। बता दें कि इस मामले में दोनों दंपतियों की ओर से प्रमाण पेश किए गए हैं। मामले में सिरसा पुलिस को भी डीएनए जांच के लिए कहा गया है।
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