राजस्थान के पूर्व मंत्री बोले रिश्वत लेेने वाले अ धिकारियों का ए क्सिडेंट होगा
ऊंट पर खड़े होकर पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि कई तहसीलदार व एसडीएम रिश्वत ले रहे हैं। वे गरीबों को सता रहे हैं। जमीन की रजस्ट्री के नाम पर रिश्वत खा रहे हैं। ऐसे अफसरों का एक्सिडेंट होगा। उनके कीड़े पड़ेंगे।
ऊंट पर खड़े होकर रैली को सम्बोधित करते पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा।
राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के बयान एक बार फिर चर्चा में है।झुंझुनूं शहर के निकट उदयपुरवाटी मार्ग पर ग्राम पंचायत उदावास में अतिक्रमण हटाने की तैयारी के विरोध में सोमवार को पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के नेतृत्व में जन अक्रोश रैली निकाली गई। रैली करीब पांच किलोमीटर लम्बी रही।बड़ी संख्या में ग्रामीण ऊंट गाडि़यों में सवार होकर उदावास से कलक्ट्रेट पहुंचे। यहां प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट पर धरना दिया गया। यहां ऊंट पर खड़े होकर पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि कई तहसीलदार व एसडीएम रिश्वत ले रहे हैं। वे गरीबों को सता रहे हैं। जमीन की रजस्ट्री के नाम पर रिश्वत खा रहे हैं। ऐसे अफसरों का एक्सिडेंट होगा। उनके कीड़े पड़ेंगे। जो अफसर ईमानदार हैं वे स्वस्थ रहेंगे।
धरने को सम्बोधित करते हुए गुढा ने कहा कि मोदी तेरी जागीर नहीं है, यह राजस्थान हमारा है। ग्रामीणों को जमीन पर बसे हुए 60 साल से ज्यादा हो गए हैं। प्रशासन उदावास गांव में पट्टेशुदा मकानों को अतिक्रमण मानकर बुलडोजर चलाना चाहता है। ये गरीबों के साथ अन्याय है। गुढ़ा ने कहा, सरकार ने पट्टे भी जारी किए हैं लेकिन आज प्रशासन उन्हें अतिक्रमी मानकर हटाना चाहता है, ये सरासर अन्याय है। इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार गरीबों के घर उजाड़ना चाहती है।
पुलिस तैनात
इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने कलक्ट्रेट परिसर में घुसने की। लेकिन पुलिस जाप्ते ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया। इस पर गुढा ने पुलिसकर्मियों से कहा कि ठेले वालों को परेशान करना बंद कर दो। ऊंट भूखे हैं, उनको चारा खिलाओ। ग्रामीण धर्मपाल ने बताया- हमें गांव में बसे हुए 60 साल हो गए है। अलॉटमेंट लेटर भी है। पट्टे भी दिए गए है, रजिस्ट्रेशन भी है। लेकिन अब प्रशासन सरकारी जमीन बताकर खाली करवाना चाह रहा है। प्रदर्शन के बाद कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में उदावास व आस-पास के ग्रामीण मौजूद रहे।
तीन मिनट, दो मिनट, पचास सैकेंड…
गुढ़ा ने कहा कि मैं पुलिसवालों व डिप्टी को पांच मिनट का समय दे रहा हूं, वे प्रशासन के एसडीएम व तहसीदार को मेरे पास लेकर आए नहीं तो गेट तोड़कर ग्रामीण अंदर घुस जाएंगे। गुढ़ा ने कहा अब चार मिनट हो गए, अब तीन मिनट हो गए। अब दो मिनट हो गए। अब पचास सैकेंड बचे हैं। इसके बाद डिप्टी वीरेन्द्र कुमार शर्मा आए। गुढ़ा को समझाया। बाद में प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर को जाकर ज्ञापन दिया।
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