भूतपूर्व सैनिकों ने कहा कि हमला किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, दुश्मन को इसका मुंह तोड़ जवाब देने के बाद ही उनके मन को शांति मिलेगी। सरकार यदि अनुमति दे तो हम फिर से हथियार उठाकर सरदहद पर जाने को तैयार हैं। पूर्व सैनिक कैप्टन हवासिंह, दयासिंह कृष्णियां, विनोद मूंड, सुरेश बुडानिया, सतवीर ढाका, रघुवीर सहारण, अजीत डूडी, देवकरण सिंह, जगदीश मांजू, रघुवीर सिंह शेखावत, होशियार सिंह सुण्डा, सुनील कुलहरी, राजेन्द्र सिंह झाझडिय़ा ने बताया कि बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक 21 फरवरी को सुबह 11 बजे शहीद स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद में सभी सड़क मार्ग से पुलवामा के लिए रवाना होंगे। यहां घटना स्थल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार की अनुमति के बाद सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग के लिए खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए जान न्यौछावर करने में पीछे नहीं हटेंगे।