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झुंझुनंू का यह व्यक्ति बनना चाहता था विधायक, काम करवाता था फर्जीवाडे का? अब लटकी गिरफ्तारी की तलवार

locationझुंझुनूPublished: Aug 21, 2019 12:44:03 pm

Submitted by:

Rajesh

पुलिस अब विधायक का चुनाव लड़ चुके व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है। यह व्यक्ति पहले एक बड़ी पार्टी से टिकट मांग रहा था, टिकट नहीं मिला तो इसने निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा। पुलिस ने उसके क्रेसर से कम्प्यूटर जब्त कर लिया है।

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झुंझुनंू का यह व्यक्ति बनना चाहता था विधायक, काम करवाता था फर्जीवाडे का? अब लटकी गिरफ्तारी की तलवार


झुंझुनूं ञ्च पत्रिका. एसडीएम के आइडी-पासवर्ड के जरिए अपात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा में जोडऩे के मामले में नया खुलासा हुआ है। अनुसंधान में सामने आया है कि विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले एक प्रत्याशी व उसके करीबी व्यक्ति के घर व क्रेशर पर लगे कम्प्यूटरों पर आरोपित इ-मित्र संचालक ने अपात्र लोगों के नाम खाद्य सुरक्षा में जोडऩे का कार्य किया।
कोतवाली सीआइ गोपालसिंह ढाका ने बताया कि मामले में गिरफ्तार इ-मित्र संचालक सुनील कुमार ने पूछताछ में खुलासा किया है कि जब खाद्य सुरक्षा के आवेदन ऑफलाइन जमा हुआ करते थे। उस समय जून 2018 से नवंबर 2018 के बीच ढाई से तीन हजार अपात्र व्यक्तियों के नाम जोडऩे का कार्य किया गया और यह कार्य आरोपित सुनील ने विधायक का चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी के करीब व्यक्ति के घर व क्रेशर पर लगे कम्प्यूटरों पर किया। उसके घर पर ही फार्म जमा हुआ करते और वहीं इनकी स्क्रूटनी कर लिस्टें बनाई जाती थी। ढाका ने बताया कि अनुसंधान में यह भी सामने आया है कि आरोपित सुनील के खाते में दो लाख रुपए का भुगतान भी विधायक का चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी की तरफ से किया गया। ऑफलाइन का कार्य उक्त व्यक्ति के घर व उसके बाद ऑनलाइन फार्म जोडऩे का कार्य सुनील ने क्रेशर पर लगे कम्प्यूटर सिस्टम पर बैठकर किया। पुलिस ने क्रेशर पर जिस कम्प्यूटर पर कार्य किया गया उसे जब्त कर लिया गया है।

ऐसे हुआ था खुलासा
झुंझुनूं में खाद्य सुरक्षा योजना में नाम एक साथ तेजी से जुड़े। कई खामियां थी उनको भी तुरंत दुरस्त कर दिया जाता। खामियां सही करने का अधिकार केवल एसडीएम के पास होता है। कई बार तो ऐसा हुआ कि रात को दस बजे भी फार्म को सही कर दिया गया। नाम बढऩे पर शक हुआ। एसडीएम सुरेन्द्र यादव ने जांच करवाई तो पता चला कि एक इ मित्र संचालक सुनील कुमावत यह कार्य कर रहा है। सुनील से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह एसडीएम के लोगिन और पासवर्ड से यह कार्य कर रहा था। साथ ही बताया कि लोगिन और पासवर्ड के बदले उसने बुडाना निवासी कलक्ट्रेट की न्याय शाखा में कार्यरत लिपिक योगेश कृष्ण्यिां को 25 हजार रुपए व पार्टी दी थी। योगेश पहले एसडीएम ऑफिस में कार्य करता था। पुलिस ने एसडीएम की नामजद रिपोर्ट पर सुनील व योगेश को गिरफ्तार कर लिया। कलक्टर ने योगेश को निलम्बित भी कर दिया। सुनील ने पुलिस को बताया कि विधायक का चुनाव लड़ चुके एक व्यक्ति के इशारे पर यह कार्य कर रहा था। इसके बदले विधायक का चुनाव लड़ चुके व्यक्ति ने उसे दो लाख रुपए दिए थे। पुलिस अब विधायक का चुनाव लड़ चुके व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है। यह व्यक्ति पहले एक बड़ी पार्टी से टिकट मांग रहा था, टिकट नहीं मिला तो इसने निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा। पुलिस ने उसके क्रेसर से कम्प्यूटर जब्त कर लिया है।
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