ऐसे हुआ था खुलासा
झुंझुनूं में खाद्य सुरक्षा योजना में नाम एक साथ तेजी से जुड़े। कई खामियां थी उनको भी तुरंत दुरस्त कर दिया जाता। खामियां सही करने का अधिकार केवल एसडीएम के पास होता है। कई बार तो ऐसा हुआ कि रात को दस बजे भी फार्म को सही कर दिया गया। नाम बढऩे पर शक हुआ। एसडीएम सुरेन्द्र यादव ने जांच करवाई तो पता चला कि एक इ मित्र संचालक सुनील कुमावत यह कार्य कर रहा है। सुनील से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह एसडीएम के लोगिन और पासवर्ड से यह कार्य कर रहा था। साथ ही बताया कि लोगिन और पासवर्ड के बदले उसने बुडाना निवासी कलक्ट्रेट की न्याय शाखा में कार्यरत लिपिक योगेश कृष्ण्यिां को 25 हजार रुपए व पार्टी दी थी। योगेश पहले एसडीएम ऑफिस में कार्य करता था। पुलिस ने एसडीएम की नामजद रिपोर्ट पर सुनील व योगेश को गिरफ्तार कर लिया। कलक्टर ने योगेश को निलम्बित भी कर दिया। सुनील ने पुलिस को बताया कि विधायक का चुनाव लड़ चुके एक व्यक्ति के इशारे पर यह कार्य कर रहा था। इसके बदले विधायक का चुनाव लड़ चुके व्यक्ति ने उसे दो लाख रुपए दिए थे। पुलिस अब विधायक का चुनाव लड़ चुके व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है। यह व्यक्ति पहले एक बड़ी पार्टी से टिकट मांग रहा था, टिकट नहीं मिला तो इसने निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा। पुलिस ने उसके क्रेसर से कम्प्यूटर जब्त कर लिया है।