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झुंझुनूं के इस छात्रावास में रहने वाली पांच छात्राओं की हर साल लग रही सरकारी नौकरी

locationझुंझुनूPublished: Sep 22, 2021 11:14:40 pm

रीना कुमारी विद्युत निगम में कनिष्ठ अभियंता लग चुकी। मीनाक्षी आयकर विभाग में अधिकारी है। अनेक सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रही है। यह सरकारी छात्रावास 21 जुलाई 2012 को शुरू हुआ था।

झुंझुनूं के इस छात्रावास में रहने वाली पांच छात्राओं की हर साल लग रही सरकारी नौकरी

झुंझुनूं के इस छात्रावास में रहने वाली पांच छात्राओं की हर साल लग रही सरकारी नौकरी


पत्रिका एक्सक्लूसिव
राजेश शर्मा
झुंझुनूं. यहां अनुशासन है। पढ़ाई का माहौल है। रहने के लिए तमाम सुविधाएं हैं। सबसे बड़ी विशेषता है सरकारी नौकरी। राज्य सरकार की ओर से झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर फौजी परिवारों की युवतियों के लिए सरकारी छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। यहां रहकर पिछले सात वर्ष में 32 युवतियां सरकारी नौकरी लग चुकी। इतनी ही निजी कम्पनियों व निजी संस्थाओं में नौकरी लग चुकी। यहां रहकर तैयारी करने वाली औसत पांच युवतियों की हर साल सरकारी नौकरी लग रही है। यहां पटवारी व लिपिक से लेकर व्याख्याता व कनिष्ठ अभियंता तक की नौकरी लग चुकी। रीना कुमारी विद्युत निगम में कनिष्ठ अभियंता लग चुकी। मीनाक्षी आयकर विभाग में अधिकारी है। अनेक सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रही है। यह सरकारी छात्रावास 21 जुलाई 2012 को शुरू हुआ था। तत्कालीन सैनिक कल्याण मंत्री एवं झुंझुनूं विधायक बृजेन्द्र ओला ने इसका लोकार्पण किया था। यहां कुल 64 छात्राओं की सीट है, लेकिन कोरोना के कारण यह छात्रावास करीब दो वर्ष से बंद है।
#govt girls hostel in jhunjhunu
इसी परिसर में शहीद वीरांगनाओं व ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले फौजियों के परिवार भी रहते हैं। इसके लिए अलग से 12 फ्लैट हैं। इन परिवारों के चार बेटे भी सरकारी नौकरी लग चुके। इसके अलावा दो बेटियों का सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिल चुका।
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शिक्षक 16
व्याख्याता 1
एमबीबीएस में प्रवेश 4
कनिष्ठ सहायक 2
बैंक में 2
कनिष्ठ अभियंता 1
आयकर 1
कम्पाउंडर 2
लाइब्रेरियन 1
पटवारी 2
चार बच्चों की लगी नौकरी


इनका कहना है
युवतियों के लिए साथ सुथरे कमरे, गीजर, कूलर, पंखे, लाइब्रेरी, कम्प्यूटर कक्ष, सिलाई प्रशिक्षण, टीवी व इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध है। यहां रहकर पढ़ाई करने वाली युवतियों की हर वर्ष सरकारी नौकरी लग रही है। इसका सबसे बड़ा कारण अनुशासन व पढ़ाई का माहौल है।
-रोशन देवी, वार्डन, सांझी छत

इनका कहना है
छात्रावास की सुरक्षा के लिए 24 घंटे तीन चौकीदार रहते हैं। पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। अब तक यहां के 36 बच्चे सरकारी नौकरी लग चुके। औसत हर वर्ष पांच बच्चों की सरकारी नौकरी लग रही है।
-हनुमान प्रसाद महला, प्रभारी, सांझी छत

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