यूं बनी नगरपालिका से पंचायत
वर्ष 1980 में नगरपालिका की ओर से गांव के मुख्य मार्गों पर पालिका की ओर से चूंगीनाका बना दिया गया। जिससे गांव के व्यापारियों को बाहर से सामान लाने पर चूंगी देनी पड़ती थी। जिससे परेशान होकर व्यपारियों व अन्य ने इसकी शिकायत की। उन्होंने फिर से पालिका बनवाने की मांग की। सरकार ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी।
कोर्ट से लिया स्टे
नगरपालिका से पुन पंचायत बनाने पर अनेक ग्रामीणों ने रोष जताया। बैठक के बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। हाइकोर्ट से स्टे ले लिया। यह स्टे वर्ष 1982 तक चला। इसके बाद सरकार बदल गई। सरकार ने पालिका को फिर से पंचायत बना दिया। नगरपालिका के कर्मचारियों का अन्य जगह स्थांतरण कर दिया।
फिर पालिका बनाएंगे
मण्ड्रेला के विकास के लिए हर जरूरी कार्य किए जाएंगे। मण्ड्रेला की जनता चाहेगी तो नगरपालिका बनाई जाएगी। लोगों की राय से आगे का कार्य किया जाएगा।
-जेपी चंदेलिया, विधायक पिलानी मैंने करवाया विकास
विधायक रहते मैंने विधायक कोटे सहित अन्य योजनाओं में लाखों रुपए के कार्य मण्ड्रेला में करवास। परंतु आबादी में कस्बा बड़ा होने पर कई मुख्य समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं हो सका। अगर मण्ड्रेला नगरपालिका बने तो बजट अधिक मिलने पर मुख्य समस्याओं का स्थाई समाधान हो जाएगा।
-सुंदरलाल, पूर्व विधायक पिलानी
जनसंख्या 25 हजार
मतदाता 12 हजार
पालिका बनी 1976 से 82
पहले पालिकाध्यक्ष रघुवीरङ्क्षसह निर्वाण
पहले सीओ-दयानंद नैण
वर्तमान में वार्ड 25